एक्सप्लोरर

पक्षियों में कबूतर होता है सबसे समझदार, जानिए इसे क्यों कहते थे संदेश वाहक

पक्षियों में कबूतर को सबसे समझदार जानवर माना जाता है. क्या आप जानते हैं कि आखिर कबूतर के अंदर क्या होता है, जिससे वो बहुत आसानी से रास्तों को याद कर सकते हैं. जानिए इसके पीछे की वजह.

दुनियाभर में लाखों प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं. इनमें खासकर पक्षियों को इंसान सबसे अधिक पसंद करता है. क्योंकि अधिकांश पक्षी कोमल,रंग और बोली की वजह से आकर्षित लगते हैं. लेकिन आपने देखा होगा कि कबूतर का इस्तेमाल सबसे अधिक संदेश वाहक के लिए किया जाता था. आज भी जासूसी के लिए लोग कबूतर का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर कबूतर कितना समझदार होता है कि वो रास्तों को याद करके सही इंसान तक संदेश पहुंचा देता है. 

कबूतर  

इंटरनेट आने के बाद एक सेकंड से भी कम समय में आप दूर किसी देश में अपना संदेश भेज सकते हैं. आज के समय किसी को संदेश भेजना बेहद ही आसान है. आज बस आपको अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर एक मैसेज टाइप करना होता है और केवल एक क्लिक करने पर वो मैसेज मीलों दूर बैठे व्यक्ति को मिल जाता है. लेकिन प्राचीन समय में संदेश भेजने में काफी समय लग जाता है. 
कई बार इनमें सालभर से अधिक का समय भी लग जाता था. पहले पत्र को लिखना और फिर उसे पैदल जाकर हाथों से पहुंचाना शायद संचार का सबसे बुनियादी और लंबे समय तक चलने वाला साधन था. हालांकि  ऐसे में संदेश को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचाने में काफी समय बर्बाद होता था. कई बार लोगों को महीनों बाद अपने परिजनों के संदेश मिला करते थे.

ये भी पढ़ें: ट्रेन में तो आपने सफर किया ही होगा? लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे ट्रैक पर क्यों होते हैं पत्थर

संदेश भेजना

बता दें कि घोड़े की पीठ पर या पैदल संदेश पहुंचाना संतोषजनक तो था, लेकिन इसमें कई तरह की परेशानियां भी सामने आती थी. जैसे बेईमान संदेशवाहक, दुर्घटनाएं, संदेशों का नुकसान, अप्रत्याशित देरी और गारंटीकृत गोपनीयता की भी कमी थी. इस कारण बहुत से लोग संदेश भेजने के लिए मानवीय तत्वों को पूरी तरह से हटा देना चाहते थे. प्राचीन इतिहास से पता चलता है कि पिछली पीढ़ियों में अपने संदेश को लंबी दूरी तक कम समय में पहुंचाने के लिए लोग घरेलू कबूतरों का इस्तेमाल करते थे. वहीं आपने कई बार फिल्मों और टेलीविजन शो में भी कबूतरों को संदेश लाते ले जाते जरूर देखा होगा, लेकिन सवाल ये है कि ऐसा क्या कारण था कि पत्रों को भेजने के लिए कबूतरों का ही इस्तमाले किया जाता था.

ये भी पढ़ें:आतिशी, न हिन्दी, न संस्कृत, न उर्दू- इस भाषा का शब्द है, जानिए मतलब

कबूतर का दिमाग

कबूतरों के पैटर्न और चाल का अध्ययन करते समय यह देखा गया कि उनके पास दिशाओं को याद रखने की एक अद्भुत समझ होती है. मीलों तक हर दिशा में उड़ने के बाद भी वे अपने घोंसले का मार्गदर्शन करने में सक्षम होते हैं. दरअसल कबूतर उन पक्षियों में से आते हैं, जिनमें रास्तों को याद रखने की खूबी होती है. 

एक कहावत भी है कि कबूतरों के शरीर में एक तरह से जीपीएस सिस्टम होता है, जिस कारण वह कभी भी रास्ता नहीं भूलते हैं. कबूतरों में रास्तों को खोजने के लिए मैग्नेटोरिसेप्शन स्किल पाई जाती है. यह एक तरह से कबूतरों में गुण होता है. इन सब खूबियों के अलावा कबूतर के दिमाग में पाए जाने वाली 53 कोशिकाओं के एक समूह की पहचान भी की गई है, जिनकी मदद से वे दिशा की पहचान और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का निर्धारण करने में सक्षम होते हैं. इसके अलावा कबूतरों की आंखों के रेटिना में क्रिप्टोक्रोम नाम का प्रोटीन पाया जाता है, जिससे वह जल्द रास्ता ढूंढ लेते है. इसीलिए उन्हें संदेशवाहक कहते थे.

ये भी पढ़ें: इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल से क्या-क्या छिन जाएगा? पूर्व मुख्यमंत्री को मिलती हैं ये सुविधाएं

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
Patna Crime: राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
फिल्म ‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, एकसाथ दिए रेड कार्पेट पर पोज
‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, देखें तस्वीरें
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Baba Bageshwar Exclusive: 'सनातन सबका बाप है...' बाबा बागेश्वर का ऐसा इंटरव्यू नहीं देखा होगा | ABPSandeep Chaudhary : नेताओं के जहरीले बोल...EC का कब हल्लाबोल? BJP | Congress | CM Yogi | BreakingMahaKumbh 2025: महाकुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर बैन ? | ABP News | Prayagraj NewsMaharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र में 'मुस्लिम वोट' का 'सौदा'? वोट लो...बदले में आरक्षण दो?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
'कौन कहां है और क्या कर रहा है, सब पता है', जानिए किस तंत्र के बारे में बोले नौसेना प्रमुख
Patna Crime: राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
राजधानी पटना में लुटेरों ने तनिष्क ज्वेलरी शॉप को बनाया निशाना, लाखों की लूट
फिल्म ‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, एकसाथ दिए रेड कार्पेट पर पोज
‘तेरा यार हूं मैं’ के मुहूर्त पर पहुंचे अजय देवगन और आमिर खान, देखें तस्वीरें
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
'बिना मांगे दहेज क्यों दिया?' ससुराल वालों के खिलाफ अदालत पहुंचा दामाद, जानिए क्या हुआ फैसला?
पाकिस्तान में हालात हुए खराब, एयर क्वालिटी इंडेक्स 2000 के पार, कई जगह लगाना पड़ा लाॅकडाउन
पाकिस्तान में हालात हुए खराब, एयर क्वालिटी इंडेक्स 2000 के पार, कई जगह लगाना पड़ा लाॅकडाउन
Myths Vs Facts: गर्भवती महिला को अक्सर सीने में रहती है जलन तो बच्चे का बाल होगा घना? जानें क्या है पूरा सच
गर्भवती महिला को अक्सर सीने में रहती है जलन तो बच्चे का बाल होगा घना, जानें क्या है पूरा सच
Neeraj Chopra New Coach: कौन है नीरज चोपड़ा का नया कोच? जिसके नाम है तीन वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब
कौन है नीरज चोपड़ा का नया कोच? जिसके नाम है तीन वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब
ट्रंप की वापसी से 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर मुहर, भारत पर लेकिन नहीं पड़ेगा असर
ट्रंप की वापसी से 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर मुहर, भारत पर लेकिन नहीं पड़ेगा असर
Embed widget