आज के वक्त लंबी दूरी का सफर अधिकांश लोग फ्लाइट से ही करना पसंद करते हैं. क्योंकि फ्लाइट से लंबी दूरी का सफर कुछ ही घंटों में पूरा हो जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हवा में फ्लाइट जब उड़ान भरती है, तो उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर फ्लाइट को आसमान में किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 


फ्लाइट


बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक भारत में रोज 6000 से ज्यादा फ्लाइट्स आसमान में उड़ान भरती हैं. इनमें 3,061 प्रस्थान उड़ानें और 3,058 आगमन उड़ानें शामिल हैं. इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानें शामिल हैं. इसके अलावा अमेरिका जैसे देश में हर दिन 42,000 विमान उड़ान भरते हैं, जिनमें से किसी भी समय 5,000 विमान आसमान में होते हैं. 


कितनी ऊंचाई पर विमान


कई बार विमान में सफर करने वाले लोग सोचते हैं कि विमान आसमान में बहुत ऊंचाई पर उड़ान भरती हैं. लेकिन बता दें कि विमान आमतौर पर धरती से 9 से 12 किमी की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. अब सवाल ये है कि इतनी ऊंचाई पर क्यों उड़ान भरते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर दिन लगभग 100,000 उड़ानें उड़ान भरती और उतरती हैं, जिनमें यात्री, मालवाहक और सैन्य विमान शामिल हैं. वहीं यात्री उड़ानों में प्रति दिन 90,000 से अधिक उड़ानें शामिल हैं.


विमान उड़ान


आसमान में उड़ान भरना ही पायलट के लिए चुनौती का काम होता है. बता दें कि विमान आमतौर पर 31,000 (9.44 किमी) से 42,000 (12.80 किमी) फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं. इतनी ऊंचाई पर उड़ान भरने का कारण मुख्य रूप से ईंधन दक्षता को अधिकतम करना है. वहीं पायलट इस ऊंचाई पर इसलिए भी उड़ान भरते हैं, क्योंकि वायु प्रतिरोध कम रहता है और हवाई यातायात से बचना भी है. 


फ्लाइट टर्बुलेंस


फ्लाइट में सबसे ज्यादा खतरा टर्बुलेंस का होता है. टर्बुलेंस या इन फ्लाइट टर्बुलेंस हवा के प्रवाह में दबाव और गति में अचानक परिवर्तन से उत्‍पन्‍न होने वाली स्‍थि‍ति है, जिससे विमान को उड़ान के दौरान हवा में झटके लगते हैं और वह हिलने-डुलने लगता है. टर्बुलेंस की वजह से विमान में हल्के झटके से लेकर कभी-कभी बहुत तेज और लंबे झटके भी महसूस हो सकते हैं.


मौसम खराब


फ्लाइट उड़ाने के दौरान पायलट को सबसे ज्यादा समस्या खराब मौसम के कारण होता है. खराब मौसम के कारण उड़ान भरने के दौरान फ्लाइट को कई तरह के झटके का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं कई बार खराब मौसम के कारण उड़ान भी रद्द कर दी जाती हैं.


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