World First Roti : हम भारतीय रोटी को बड़े चाव से खाते हैं. बिना रोटी के तो ऐसा लगता है कि पेट भरा ही नहीं. दाल से लेकर सब्जी तक के साथ रोटी खाई जा रही है. रोटी बनाने का एक लंबा प्रोसेस होता है. पहले गेहूं को साफ कर पिसवाना, फिर आटे में पानी डाल गूंथना, फिर पेड़ा बनाना और फिर रोटी को बेलकर सेकना. लेकिन, हां इस प्रोसेस के बाद बनी रोटी को खाने में आनंद आ जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि कहां पर पहली रोटी बनाई गई होगी? आइए इस सवाल के जवाब के लिए इतिहास के कुछ पन्ने खंगालते हैं. 


रोटी का इतिहास


एक बात निराशा करती है कि दुनिया की पहली रोटी को लेकर इतिहास में कई मत हैं. हालांकि, एक रिपोर्ट दिल को खुश भी करती है. यह रिपोर्ट हमें दुनिया की पहली रोटी के करीब ले जाती है. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं को उत्तर-पूर्वी जॉर्डन में एक जगह पर कुछ अवशेष मिले हैं. अवशेष ब्लैक डेजर्ट एर्केओलॉजिक साइट पर मिले हैं. इन अवशेषों से पता चला है कि इस जगह पर लगभग साढ़े 14 हजार साल पहले रोटी (फ्लैटब्रेड) पकाई गई थी. यहां पर पत्थर के बने एक चूल्हे में रोटी पकाई गई थी. शोधकर्ताओं को वो चूल्हा भी मिला है. इससे पता चलता है कि मानव ने कृषि विकास से सदियों पहले रोटियां बना दी थी. 


क्या गेहूं की रोटी ही बनाई जाती थी? 


देखिए, खेती इंसानों ने 4000 साल पहले करनी शुरू की थी. ऐसे में, उत्तर-पूर्वी जॉर्डन के लोग गेहूं की रोटी तो नहीं बनाते थे. रिपोर्ट के अनुसार, उस समय रोटी को बनाने के लिए जंगली अनाजों का इस्तेमाल होता था. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि रोटी को जौ, इंकॉर्न, जई और पानी में उगने वाले एक खास किस्म के पौधे ट्यूबर्स से बनाया जाता होगा. हो सकता है कि जंगली अनाजों से आटा तैयार किया गया हो और रोटी बनाई गई हो. शोधकर्ता अमाया अरन्ज-ओटेगुई ने का कहना है, ”यह मुमकिन है कि रोटी ने खेती करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया हो.”


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