प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिवसीय दौरे पर यूक्रेन पहुंचे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने उनका स्वागत किया है. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन में शांति और सुरक्षा को लेकर भी बातचीत की है. पीएम ने इस यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति को BHISHM Cube पेश किया है. आज हम आपको बताएंगे कि BHISHM Cube क्या होता है और इसका डिजाइन किस तरीके से किया गया है.


 यूक्रेन दौरा


पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन दौरे के दौरान राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की है. पीएम मोदी ने कीव में रहने वाले भारतीयों से भी मुलाकात की है. गौरतलब है कि पीएम मोदी का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब रूस और यूक्रेन के बीच कई महीनों से जंग चल रही है. भारत ने रूस-यूक्रेन के बीच जंग को रोकने और शांति की अपील की थी.


पीएम का खास गिफ्ट


पीएम नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति को BHISHM Cube गिफ्ट किया है. बता दें कि BHISHM Cube एक पोर्टेबल मोबाइल अस्पताल की तरह है, जिसे आपदा प्रबंधन और इमरजेंसी मेडिकल सपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है. क्या आप जानते हैं कि ये BHISHM Cube क्या है और कैसे काम आता है, जिसे पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को गिफ्ट किया.


BHISHM Cube क्या है?


अब सवाल ये है कि BHISHM Cube क्या है. बता दें कि BHISHM Cube एक पोर्टेबल मोबाइल अस्पताल की तरह है, जिसे आपदा प्रबंधन और इमरजेंसी मेडिकल सपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है. इसे 'प्रोजेक्ट BHISHM' यानी भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित, एंड मैत्री के तहत विकसित किया गया है. यह परियोजना, फरवरी 2022 में घोषित की गई थी. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भीष्म प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. इस पोर्टेबल अस्पताल का मकसद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से मेडिकल सहायता प्रदान करने का है. ये वैश्विक मानवीय प्रयासों में देश की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है. भीष्म क्यूब के जरिए आपदा और युद्धग्रस्त क्षेत्रों में जरूरतमंदों तक जल्दी इलाज पहुंच सकता है. 


क्यों खास है ये भीष्म क्यूब


BHISHM Cube मॉडर्न मेडिकल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे पैराशूट के जरिए आपदा और युद्ध प्रभावित इलाकों में आसानी से गिराया जा सकता है. एक साथ 200 प्रभावित लोगों को संभालने के लिए ये क्यूब तुरंत मददगार हो सकती है. जानकारी के मुताबिक इसका वजन 720 किलोग्राम है. इस यूनिट में 72 आसानी से ट्रांसपोर्टेबल कंपोनेंट्स हैं. क्यूब का इनोवेटिव डिजाइन इसे सिर्फ 12 मिनट के भीतर शुरू करने की अनुमति देता है. यह आपात स्थिति में महत्वपूर्ण योगदान निभाएगा.


मॉडर्न मेडिकल इंजीनियरिंग 


बता दें कि ये क्यूब बेहद मजबूत, जलरोधक और हल्के होते हैं. ये बॉक्स अत्याधुनिक मेडिकल उपकरणों से लैस होते हैं, इसमें एक ऑपरेशन थियेटर, एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर और अलग-अलग चोटों के इलाज के लिए सुविधाएं शामिल हैं. BHISHM Cube आपदा प्रबंधन के लिए एक व्यापक समाधान है. इसका मजबूत, जलरोधक डिजाइन अलग-अलग वातावरण में स्थायित्व सुनिश्चित करता है. इतना ही नहीं इसे हवाई जहाज से लेकर जमीनी ट्रांसपोर्टेशन तक किया जा सकता है.


क्या गेम चेंजर साबित होगा BHISHM Cube 


भीष्म क्यूब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करता है. बता दें कि भारतीय वायु सेना  ने मई 2024 में आगरा के मालपुरा ड्रॉपिंग जोन में BHISHM Cube की तैनाती का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. आगरा स्थित एयर डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADRDE) की ओर से विकसित विशेष रूप से डिजाइन किए गए पैराशूट का इस्तेमाल करके क्यूब को 1500 फीट की ऊंचाई से हवा में गिराया गया था. 


आपदा और युद्धग्रस्त इलाकों के लिए खास


बता दें कि 1.50 करोड़ रुपये की कीमत वाली प्रत्येक यूनिट को स्थिरता और ऑपरेशनल दक्षता के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें सौर ऊर्जा और बैटरी शामिल हैं. यह सुनिश्चित करता है कि क्यूब को बाहरी बिजली स्रोतों पर निर्भर किए बिना अलग-अलग वातावरण में तैनात किया जा सकता है. इस क्यबू के पहुंचने के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है. यह परियोजना जनवरी 2023 में ग्लोबल साउथ समिट में पीएम मोदी की ओर से घोषित भारत की व्यापक 'आरोग्य मैत्री' पहल के साथ शामिल किया गया है. 


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