रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच कैसे गुजरा पीएम मोदी का विमान, क्या थोड़ी देर के लिए रोकी गई जंग?
Russia-Ukraine War: लोगों के मन में सवाल है कि कैसे पीएम मोदी युद्ध के बीच यूक्रेन पहुंच गए, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि पीएम मोदी के विमान की लैंडिंग के लिए कुछ वक्त तक युद्ध रोक दिया गया.
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन युद्ध पिछले कई महीनों से लगातार चल रहा है, दोनों देशों की सेनाएं लगातार हवाई हमले कर रही हैं और आसमान में दिखने वाली किसी भी चीज को उड़ाया जा सकता है. इसी बीच दुनियाभर के तमाम बड़े नेता यूक्रेन पहुंचे, जिन्होंने यहां राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हीं नेताओं में से एक हैं. जिन्होंने अपने यूक्रेन दौरे से सभी को चौंका दिया. अब कुछ लोग सोशल मीडिया पर लगातार ये सवाल पूछ रहे हैं कि युद्ध के बीच आखिर पीएम मोदी का विमान कैसे यूक्रेन में सुरक्षित लैंड हुआ और इसमें कितना रिस्क था. आज हम आपको उसी सवाल का जवाब दे रहे हैं.
कैसे सुरक्षित रहता है विमान?
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि पीएम मोदी के विमान की लैंडिंग के लिए कुछ वक्त तक युद्ध रोक दिया गया. हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं होता है. दरअसल ऐसे वीआईपी मूवमेंट के लिए एक अलग रूट बनाया जाता है. यानी इस रूट से आने वाले विमानों पर किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं होता, यहां न कोई मिसाइल फायर होती है और न ही इस रूट पर कोई फाइटर प्लेन हमले के लिए उड़ते हैं.
तो कुल मिलाकर इन सब चीजों को सनसनीखेज बनाने की जरूरत नहीं है. ये हर देश का अपना नियम होता है और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही पूरा प्लान तैयार किया जाता है. यानी पहले से ही रूट क्लियर कर दिया जाता है और इस तरह सुरक्षित लैंडिंग हो जाती है. कोई भी देश अपने चीफ को ऐसे किसी भी खतरे में नहीं डाल सकता है.
अगर युद्ध रोकने वाली बात पर आपको भी कंफ्यूजन है तो ये समझ लीजिए कि दोनों देशों के बीच युद्ध के दौरान भी कुछ समझौते होते हैं. जिनमें आम लोगों को निकलने के लिए सेफ पैसेज दिया जाता है. यानी इस दौरान युद्ध कुछ वक्त के लिए रोक दिया जाता है.
ये नेता पहुंचे यूक्रेन
यूक्रेन और रूस की जंग के बीच पीएम मोदी के अलावा दुनिया के बाकी नेता भी यूक्रेन की धरती पर पहुंचे. जिन्होंने सीधा मैसेज दिया कि किसी भी देश के लिए युद्ध काफी बुरा और विनाशकारी होता है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के तत्तकालीन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी यूक्रेन गए थे. इनके अलावा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान और ऑस्ट्रेलिया के चांसलर भी यूक्रेन दौरे पर गए.
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