भारतीय सेना में हर ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जवान तैयार किए जाते हैं, जिनमें कुछ मार्कोस कमांडो होते हैं तो कुछ कोबरा. उनके वर्क एरिया और भविष्य के ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसा ही पुलिस में भी है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को मार्क्समैन की ट्रेनिंग दी जाती है. आपने शायद ही पहले इस ट्रेनिंग के बारे में सुना होगा, जिसमें पुलिसकर्मियों को खास तरह से ट्रेनिंग दी जाती है. इस ट्रेनिंग में सबसे ज्यादा ध्यान पुलिसकर्मी को शूटर बनाने पर होता है. 


दिल्ली पुलिस कई बार पुलिसकर्मियों को इस खास ट्रेनिंग के लिए भेजता है. इस बार ये ट्रेनिंग इस वजह से खास है, क्योंकि इस बार पुरुषों की जगह महिला पुलिसकर्मियों को इस खास ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था. अब 19 महिलाएं मार्क्सवुमन बनकर लौटी हैं. बता दें कि इन मार्क्सवुमन को जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए तैयार किया गया है. अब इन्हें जी-20 के दौरान तैनात किया जाएगा. तो जानते हैं इस खास ट्रेनिंग से जुड़ी खास बातें...


कहां हुई थी ट्रेनिंग?


इन 19 महिला जवानों को मध्यप्रदेश के करेरा में ट्रेनिंग दी गई थी. दिल्ली पुलिस ने इससे पहले इन 19 महिलाओं को जमरूदपुर में अपनी विशेष हथियार और रणनीति इकाई में ट्रेनिंग के लिए भेजा था. इसके बाद इन सभी को इस ट्रेनिंग के लिए भेजा था. ये ट्रेनिंग करीब एक महीने की थी, जिसमें टारगेट हिट को लेकर खास स्किल सिखाई जाती है. ये ट्रेनिंग खासतौर पर निशानों के लिए जानी जाती है, जिसमें स्नाइपर्स की तरह शूटिंग के लिए पुलिसकर्मियों को तैयार किया जाता है.  


बता दें कि विदेश में भी फोर्स में मार्क्समैन होते हैं, जो स्नाइपर्स की तरह काम करते हैं. ये मार्क्समैन अकेले किसी ऑपरेशन को अंजाम नहीं देते हैं, जबकि स्नाइपर्स अकेले तैनात किए जाते हैं और अकेले ही किसी ऑपरेशन को पूरा करते हैं. कई जगह इन मार्क्समैन को शूटर भी कहा जाता है. एक तरह से पुलिस में कुछ लोगों को निशानेबाजी की खास ट्रेनिंग दी जाती है. मार्क्समैन के लिए दूसरे शब्द शार्प शूटर आदि इस्तेमाल किए जाते हैं. 


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