पुलिस का नाम सामने आने पर सबसे पहले दिमाग में खाकी रंग आता है. फिल्मों और असल जीवन में भी पुलिस खाकी रंग का वर्दी ही पहनती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोलकाता में पुलिस खाकी रंग की वर्दी पहनती है. आज हम आपको बताएंगे कि जब सभी जगहों पर पुलिस खाकी रंग की वर्दी पहनती है तो क्यों कोलकाता पुलिस सफेद वर्दी पहनती है.


कोलकाता पुलिस क्यों पहनती सफेद यूनिफॉर्म? 


बता दें कि बंगाल के अन्य जिलों की पुलिस भी खाकी रंग की वर्दी पहनती है. लेकिन अकेले कोलकाता पुलिस ही ऐसी है, जो सफेद रंग के कपड़े पहनती है. दरअसल कोलकाता पुलिस और बंगाल पुलिस अलग-अलग हैं. 1861 में ब्रिटिश राज के दौरान बने नियमों के मुताबिक राज्य पुलिस से अलग कोलकाता पुलिस की व्यवस्था थी, जो केवल शहर पर लागू होती थी. ऐसे में अपनी विशेष पहचान के लिए कलकत्ता पुलिस की ड्रेस अलग रखी गई थी. कोलकाता पुलिस आज भी ब्रिटिश काल के पुराने ड्रेस कोड को फॉलो करती है. कई रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि कलकत्ता में गर्मी काफी ज्यादा पड़ती है, इस वजह से सफेद यूनिफॉर्म होने से कर्मियों को काफी सहूलियत होती है.



खाकी रंग की यूनिफॉर्म?


पुलिस वालों की पहचान खाकी रंग से होती है. लेकिन इस रंग को चुनने का एक लंबा इतिहास है. दरअसल  अंग्रेज भारत में आए थे, उस वक्त पुलिस डिपार्टमेंट की यूनिफॉर्म सफेद रंग की होती थी. सफेद रंग दिखने में अच्छा लगता था, लेकिन बहुत जल्द गंदा भी हो जाता है. ऐसे स्थिति में गंदी यूनिफॉर्म पहनना अनुशासनहीनता मानी जाती थी. इस वजह से ब्रिटिश अधिकारियों ने अपनी यूनिफॉर्म को डाई करना शुरू कर दिया था. लेकिन उस वक्त डाई करने के लिए चाय की पत्तियों का प्रयोग किया जाता था, जिससे यूनिफॉर्म का रंग हल्का पीला से लेकर भूरा हो जाता था. जानकारी के मुताबिक 1847 में नॉर्थवेस्ट फ्रंटियर के गवर्नर जनरल ने एक सैनिक को खाकी रंग की पोशाक पहने देखा था, उस वक्त से उन्होंने पुलिस की यूनिफॉर्म के लिए खाकी रंग को चुन लिया था. 


 


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