Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है. रोज अपने काम के लिए बाहर निकलने वाले लाखों लोगों के लिए ये पॉल्यूशन किसी मुसीबत से कम नहीं है, लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और आंखों में जलन... आने वाले दिनों में हालात और भी खराब हो सकते हैं. आपने सोशल मीडिया पर भी पॉल्यूशन को लेकर कई मीम देखे होंगे, जिनमें लोग कह रहे हैं कि दिल्ली में फॉग नहीं स्मॉग चल रहा है... 


फॉग के बाद आया स्मॉग
अब हर बार जब भी पॉल्यूशन का जिक्र आता है तो आपने स्मॉग का नाम भी सुना ही होगा. हालांकि कई साल पहले सर्दियां शुरू होते ही फॉग का जिक्र होता था, सड़कों पर कोहरे की चादर बिछ जाती थी, जिसके चलते लोगों को सांस लेने में तो नहीं बल्कि गाड़ी चलाने में दिक्कत आती थी. अब शहरों में फॉग से ज्यादा स्मॉग का जिक्र होता है. अब भला ये स्मॉग क्या होता है?


क्या होता है फॉग और स्मॉग?
फॉग को कोहरे के नाम से भी हम जानते हैं. जब हवा में मौजूद वाष्प ठंडी होकर हवा में ही जमने लगती है तो ये एक सफेद रंग के बादल की तरह बन जाता है. इसे फॉग कहते हैं. यानी ये हवा में तैरने वाली पानी की महीन बूंदें होती हैं. ये आमतौर पर सफेद रंग का होता है. वहीं स्मॉग की अगर बात करें तो ये फॉग से ही मिलकर बनता है. जब हवा में मौजूद धूल, धुआं और गाड़ियों से निकलने वाला घातक पॉल्यूशन एक साथ मिल जाता है तो ये स्मॉग का रूप ले लेता है. स्मॉग सफेद नहीं बल्कि काले धुएं की तरह दिखता है. 


अब इसके खतरे की बात करें तो फॉग से किसी को कोई ज्यादा नुकसान नहीं होता है, लेकिन स्मॉग बेहद घातक साबित हो सकता है. खासतौर पर बीमार रहने वाले लोगों के लिए ये बेहद खतरनाक है. इसमें कई तरह की खतरनाक गैस भी होती हैं, जिसे लोग सांस के जरिए ना चाहते हुए भी लेते हैं. 


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