भारत दो सदनों से चलता है. लोकसभा और राज्यसभा. इससे पहले हमने आपको बताया था कि राज्यसभा में सबसे पावरफुल पद कौन सा होता है. आज हम आपको बताएंगे कि लोकसभा में सबसे पावरफुल पद किसका होता है और वो क्या-क्या कर सकता है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.


लोकसभा का सबसे पावरफुल आदमी


आप में से कई लोगों को लग रहा होगा जब देश में सबसे पावरफुल इंसान प्रधानमंत्री होता है, तो जाहिर सी बात है कि संसद में भी सबसे शक्तिशाली इंसान पीएम ही होंगे. लेकिन, ऐसा नहीं है. लोकसभा में सबसे शक्तिशाली पद स्पीकर का माना जाता है. यही वजह है कि जब गठबंधन की सरकार होती है तो हर पार्टी चाहती की लोकसभा में स्पीकर उसका हो. हालांकि, स्पीकर सबसे ज्यादा पावरफुल पद है ऐसा लिखित रूप में कहीं दिया नहीं गया है. लेकिन उनके फैसले लेने की शक्तियां उन्हें सबसे ज्यादा पावरफुल दिखाता है.


स्पीकर की शक्तियां क्या हैं?


लोकसभा अध्यक्ष या फिर लोकसभा स्पीकर का काम होता है लोकसभा के सत्रों की देखरेख करने के साथ सदस्यों के बीच अनुशासन और मर्यादा सुनिश्चित करना. इसके आलावा संसदीय बैठकों के लिए एजेंडा तय करना और संसद के स्थगन, अविश्वास और निंदा प्रस्ताव जैसे प्रस्तावों को अनुमति देना भी स्पीकर का ही काम है.


इसके अलावा अगर कोई सदन की मर्यादा तोड़ता है तो स्पीकर के पास शक्ति होती है कि वह सदस्य को कुछ समय के लिए सस्पेंड कर सकता है या फिर उसे संसद से बाहर करा सकता है. वहीं संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत लोकसभा अध्यक्ष को अधिकार होता है कि दलबदल के आधार पर वह सदस्यों को अयोग्य ठहरा सके.


ये शक्तियां भी होती हैं


इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष के पास सदन में समितियों के गठन का भी अधिकार होता है. ये समितियां अध्यक्ष के नेतृत्व में काम करती हैं. इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष के पास शक्ति होती है कि वह सदन के नेता के अनुरोध पर गुप्त बैठक की अनुमति दे सकता है. इस गुप्त बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति सदन में मौजूद नहीं हो सकता है.


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