भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत किसी से छिपी नहीं है. पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. पाकिस्तान सरकार के ऊपर लाखों-करोड़ों का कर्जा चढ़ा हुआ है. लेकिन अब सोशल मीडिया पर कई यूजर्स कह रहे हैं कि पाकिस्तान सरकार के मंत्रियों और वहां के भिखारियों में कोई अंतर नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर पाकिस्तान सरकार की तुलना भिखारियों से क्यों की जा रही है. क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में पेशेवर भिखारी हैं, जो दूसरे देशों में जाकर भीख मांगते हैं.


पाकिस्तान


पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. पाकिस्तान के ऊपर कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों का हजारों करोड़ों का कर्जा चढ़ा हुआ है. इतन ही नहीं जहां एक तरफ पाकिस्तान सरकार के मंत्री दूसरे देशों में जाकर कर्जा मांग रहे हैं, वहीं पाकिस्तान नागरिक भी पेशवर भिखारी बनकर दूसरे देशों में जा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा सबूत ये है कि पाकिस्तान सरकार ने करीब 2,000 ऐसे लोगों का पासपोर्ट सस्पेंड किया है, जो विदेशों में जाकर भिखारी बन गये हैं.


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क्या कहती है रिपोर्ट


डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने सड़कों पर भीख मांगने के लिए विदेश जाने वाले व्यक्तियों का डेटा निकाला है. इस मामले में गृह और विदेश मंत्रालय मिलकर एक पॉलिसी तैयार कर रहे हैं. बीते साल सितंबर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रवासी पाकिस्तानियों पर सीनेट की स्थायी समिति को सूचित किया था कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानियों को विदेश ले जाकर पेशेवर भिखारी बनाया जा रहा है.


विदेशों में सबसे ज्यादा विदेशी भिखारी


रिपोर्ट के मुताबिक विदेशों में पकड़े गए 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तानी मूल के हैं. 2023 में मक्का की ग्रैंड मस्जिद में पकड़े गये जेबकतरों में से एक बड़ी संख्या पाकिस्तानी मूल की है. इराक और सऊदी के राजदूतों ने इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाते हुए कहा था ति इन गिरफ्तारियों से उनकी जेलों में भीड़भाड़ बढ़ रही है. सऊदी अरब और इराक जैसे देशों ने पाकिस्तानी सरकार से भिखारियों की आमद को रोकने का आग्रह किया है.


डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक  पाकिस्तान की जनसंख्या 23 करोड़ है और इसमें करीब 3.8 करोड़ पेशेवर भिखारी हैं. इन लोगों की राष्ट्रीय औसत आय प्रतिदिन 850 पाकिस्तानी रुपये है. इन भिखारियों को हर दिन 32 अरब रुपये दान में मिलते हैं, जो सालाना करीब 117 ट्रिलियन है. बता दें कि यह 42 बिलियन डॉलर के बराबर है. बीबीसी की भी एक रिपोर्ट के मुताबिक  2010 में कराची में 3,000 बच्चे लापता हुए थे. एशियाई मानवाधिकार आयोग के मुताबिक पाकिस्तान की 2.5 से 11 प्रतिशत आबादी भीख मांगकर गुजारा रही है.


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उमराह वीजा


बता दें कि पाकिस्तान के ये भिखारी उमराह वीजा पर सऊदी अरब जाकर वहां भीख मांगते हैं. इसके अलावा प्रवासी पाकिस्तानियों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रवासी पाकिस्तानियों को लेकर सीनेट समिति को बताया कि बड़ी संख्या में भिखारी मानव तस्करी चैनलों के जरिए विदेश जा रहे हैं. इतना ही नहीं मंत्रालय ने सीनेट समिति को बताया कि विदेशों में गिरफ्तार होने वाले भिखारियों में 90% भिखारी पाकिस्तानी हैं.


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