जमीन-जायदाद के लिए सदियों से हत्याएं होती आई हैं. आज भी कई ऐसी घटनाएं देखने, सुनने को मिलती हैं, जहां थोड़ी सी प्रॉपर्टी के लिए भाई, भाई की हत्या करा देता है. यहां तक कि लोग प्रॉपर्टी के लिए मां-बाप का भी कत्ल करने से बाज नहीं आ रहे.


हाल ही में महाराष्ट्र से एक ऐसी ही घटना सामने आई, जिसमें एक बेटी ने अपनी मां का कत्ल करा दिया. कहा जा रहा है कि बेटी ने ऐसा प्रॉपर्टी के लिए किया. चलिए आज इसी कड़ी में जानते हैं कि अगर कोई बच्चा अपने ही मां-बाप का कत्ल करा दे तो फिर प्रॉपर्टी किसके नाम होगी.


पहले महाराष्ट्र वाला पूरा मामला समझिए


मामला महाराष्ट्र के पनवेल का है, यहां 13 सितंबर को प्रिया नाइक नाम की एक महिला का शव उसी के घर में मिला. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि महिला की मौत से पहले उसका गला दबाया गया था और उसे रैट पॉइजन भी दिया गया था. पुलिस ने जब पूछताछ शुरू की और जांच का दायरा बढ़ाया तो प्रिया नाईक की बेटी प्रणाली भी रडार पर आ गई.


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पहले तो पूछताछ में प्रणाली ने मामले को घुमाने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कुबूल लिया. प्रणाली ने बताया कि उसने दो दोस्तों की मदद से अपनी मां की हत्या की. दरअसल, प्रणाली अपने पति से अलग होकर अपनी मां के साथ रहती थी. अपने खर्च के लिए भी वह मां से ही पैसे लेती थी.


लेकिन धीरे-धीरे उसका खर्च बढ़ने लगा और जब मां ने ज्यादा पैसे देने सें इंकार कर दिया तो प्रणाली ने मां की सारी संपत्ति हथियाने के लिए ये प्लान बनाया. बताया जा रहा है कि प्रणाली ने जिन दो लोगों के साथ मिल कर अपनी मां की हत्या की थी, उनसे वादा किया था कि काम हो जाने के बाद वह उन्हें 10 लाख रुपये देगी. आपको बता दें, मृतका प्रिया नाईक के पास 12 फ्लैट और कई दुकानें थीं. प्रणाली ने इस संपत्ति के लिए अपनी मां की हत्या कर दी.


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कानून के आधार पर समझिए


अब आते हैं असली सवाल पर कि अगर कोई इकलौता बच्चा अपने माता-पिता का कत्ल कर देता है, तो क्या उसे प्रॉपर्टी में कानूनी अधिकार मिलेगा. दरअसल, भारत में इस तरह के मामलों में संपत्ति का अधिकार और उत्तराधिकार के कानून स्पष्ट होते हैं. भारतीय कानून के मुताबिक, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति उसके कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच बंटती है.


वहीं अगर किसी की वसीयत है, तो संपत्ति उसी के अनुसार बांटी जाती है. लेकिन, अगर वसीयत नहीं होती, तो संपत्ति उत्तराधिकार कानून के तहत बंटती है. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 (Hindu Succession Act, 1956) के तहत, परिवार की संपत्ति के पहले हकदार बच्चे और पति/पत्नी होते हैं. लेकिन अगर कोई इकलौता बच्चा अपने माता-पिता का कत्ल करता है, तो भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 25 और 27 के तहत उसे संपत्ति से वंचित किया जा सकता है.


दरअसल, इन धाराओं के अनुसार, अगर कोई उत्तराधिकारी अपने परिवार के किसी सदस्य की हत्या करता है, तो उसे उत्तराधिकार का अधिकार नहीं मिलेगा. यह कानून इस सिद्धांत पर आधारित है कि जो व्यक्ति किसी की हत्या करता है, उसे मृतक की संपत्ति पर दावा करने का नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है. इसे "स्लेयर रूल" भी कहा जाता है.


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