वर्कलोड के चलते लड़की की हुई मौत, जानें किस देश में कराया जाता है सबसे ज्यादा घंटे तक काम
(ईवाई) में काम करने वाली 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की काम के ज्यादा वर्कलोड के कारण मौत हो गई. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर किस देश में सबसे ज्यादा काम करवाया जाता है.
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ईवाई में काम करने वाली 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की कथित तौर पर काम के ज्यादा दवाब के कारण मौत हो गई है. केरल की रहने वाली एना सेबेस्टियन ने 2023 में सीए की परीक्षा पास की थी. ऐसे में वह चार महीने से ईवाई के पुणे कार्यालय में काम कर रहीं थी. उसकी 21 जुलाई को मौत हो गई थी. गौरतलब है कि एना सेबेस्टियन के पिता शिबी जोसेफ ने कहा कि उसे (अन्ना) देर रात 12.30 बजे तक काम करना पड़ता था. उन्होंने कहा, ‘‘हमने उसे नौकरी छोड़ने की सलाह दी लेकिन उसने जोर देकर कहा कि इस काम से उसका अनुभव बढ़ेगा.” एना की मौत कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि किन देशों में सबसे ज्यादा काम करवाया जाता है.
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सबसे ज्यादा घंटे काम कहां होता है?
दुनियाभर में कई देश ऐसे हैं जहां कर्मचारियों से ज्यादा काम लिया जाता है. दुनिया में सबसे ज्यादा वर्किंग आवर देशों की लिस्ट में यूएई पहले नंबर पर है. जहां एक हफ्ते में औसतन 52.6 घंटे काम होता है. इसके अलावा कतर में भी लोग करीब 50 घंटे काम करते हैं. यहां कई लोग हफ्ते में 49 घंटे तक काम कर लेते हैं. वहीं भूटान में भी कई लोग हफ्ते में करीब 50 घंटे तक काम कर लेते हैं. इसके अलावा गाम्बिया में भी इतना ही काम लोग एक हफ्ते में करते हैं. वहीं भारत की अगर बात करें तो यहां औसतन एक हफ्ते में 47.7 घंटे तक काम होता है.
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
वर्कलोड के चलते मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव चिंता का विषय है. ज्यादा काम करने से अवसाद, चिंता और तनाव जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं. यह न केवल कर्मचारियों की व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि उनके काम की गुणवत्ता और उत्पादकता को भी कम कर सकता है.
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