किसी को चेक दे दिया और खाते में पैसे नहीं हैं...तो इतने साल खानी होगी जेल की हवा
Checque Bounce: अगर आप एक देनदार हैं और आपने किसी को चेक दिया है और वो बाउंस हो जाता है तो इस स्थिति में आपको जुर्माना भरना पड़ेगा. आइए जानते हैं विस्तार से...
Cheque Bounce Rules: सभी लोग अपना पैसा बैंक में जमा करते हैं. बैंक से पैसों का लेनदेन करने के कई तरीके होते हैं. अगर आपके पास चेक बुक है और आप चेक से लेन-देन करते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. नियमों के हिसाब से अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है तो इसके लिए आपको भारी जुर्माने के साथ-साथ कुछ साल की जेल से भी दंडित किया जा सकता है. किसी को चेक थमाने से पहले कुछ जरूरी बातें हैं जिनका जिक्र हमने इस आर्टिकल में किया उन्हे जरूर जान लें. जिससे आप इस जुर्माने से बच सकें. आइए बताते हैं अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है तो आपको कैसे दंडित किया जायेगा. पढ़िए इस खबर को पूरा...
क्या होता है चेक बाउंस?
कई बार जब कोई पेमेंट के लिए चेक को बैंक में देता तो वो रिजेक्ट हो जाता है. इसे चेक का बाउंस होना कहा जाता है. इसकी कई वजहें हो सकती हैं. इस मामले में ज्यादातर खाते में पर्याप्त राशि न होना बड़ी वजह रहती है. चेक पर हुए सिग्नेचर में अंतर होने पर भी वह बाउंस हो जाता है. चेक के जरिए लेन-देन होने में देने वाले को देनदार और चेक लेकर पेमेंट के लिए जमा कराने वाले व्यक्ति को लेनदार कहते हैं.
चेक बाउंस होने पर लगेगी पेनल्टी
चेक बाउंस होने पर पेनल्टी के तौर पर अकाउंट से राशि काटी जाती है. अगर आपका चेक बाउंस हो गया है तो आपको देनदार को इसकी सूचना देनी होगी. उस व्यक्ति को एक महीने के अंदर आपको भुगतान करना होगा. अगर वह एक महीने के अंदर भुगतान नहीं करता है तो आप उसको लीगल नोटिस भेज सकते हैं. नोटिस भेजने के बाद भी अगर वह 15 दिन तक कोई जवाब नहीं देता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ Negotiable Instrument Act 1881 के सेक्शन 138 के तहत केस केस दर्ज किया जा सकता है.
हो सकती है दो साल की सजा
चेक का बाउंस होना एक दंडनीय अपराध है और इसके लिए धारा 138 के तहत केस दर्ज किया जाता है. इस स्थिति के लिए जुर्माना या दो साल की सजा या दोनों का प्रावधान है. ऐसे मामलों मे देनदार को 2 साल की सजा और आपको ब्याज के साथ रकम देनी पड़ती है. केस आपके निवास स्थान के एरिया में दर्ज किया जाएगा.
तीन महीने में चेक को कैश करा लेना चाहिए
चेक के बाउंस होने पर बैंक आपको एक रसीद देता है. जिसमें चेक बाउंस होने की वजह बताई जाती है. ध्यान रखें कि किसी भी चेक की वैधता तीन महीने तक होती है. उसके बाद उस चेक की समय सीमा समाप्त हो जाती है. इसलिए चेक मिलने के 3 महीने के अंदर ही आपको उसे कैश करा लेना चाहिए.
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