भारत में आज चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला किया. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना POCSO और IT एक्ट के तहत अपराध माना जाएगा. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज करते हुए ये फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कंटेंट डाउनलोड करता है या देखता है, तो यह अपराध नहीं माना जाएगा, जब तक कि इसे व्यक्ति द्वारा प्रसारित ना किया गया हो या प्रसारित करने की नीयत से इस तरह के कंटेंट को डाउनलोड ना किया गया हो.


इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह अब 'चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉएटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल' शब्द का इस्तेमाल किया जाए. कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि वह अध्यादेश लाकर ये बदलाव करे और अदालतें भी इस शब्द का इस्तेमाल न करें. बेंच ने कहा कि हम संसद को सुझाव देते हैं कि POCSO एक्ट में बदलाव करें और इसके बाद चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द की जगह चाइल्ड सेक्शुअली एब्यूसिव एंड एक्सप्लॉइटेटिव मटेरियल (CSEAM) शब्द का इस्तेमाल किया जाए. खैर, आज हम आपको इस आर्टकिल में बताएंगे कि पाकिस्तान में चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर कितनी सजा मिलती है. इसके साथ ही ये भी बताएंगे कि वहां मिलने वाली सजा भारत से सख्त है या नहीं.


पाकिस्तान में चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सजा


पाकिस्तान में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े अपराधों में सजा देने के लिए कई कानून हैं. पहला प्रिवेंशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम्स एक्ट (PECA), 2016 है. इस कानून का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल अपराधों को रोकना है, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराध भी शामिल हैं. इस धारा 22 के तहत, चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक दंडनीय अपराध है और  चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े अपराध में दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की कैद हो सकती है. साथ ही, दोषी पर 50 लाख पाकिस्तानी रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.


वहीं पाकिस्तान पीनल कोड (PPC), 1860 के तहत भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कई धाराएं मौजूद हैं. इसमें धारा 292-B और धारा 292-C के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी के उत्पादन, वितरण और प्रसार को अपराध घोषित किया गया है. इन धाराओं के तहत किसी भी प्रकार की चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री का उत्पादन, प्रसार, वितरण या भंडारण करने पर 2 साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है.
वहीं अगर इस अपराध को बार-बार किया जाता है, तो सजा को और बढ़ाया जा सकता है.


भारत में पोर्नोग्राफी पर सजा


भारत में अश्लील वीडियो पर फिलहाल 3 तरह के कानून हैं. दरअसल, भारत में ऑनलाइन पोर्न देखना गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन आईटी एक्ट 2000 में पोर्न वीडियो बनाने, पब्लिश करने और सर्कुलेट करने पर पाबंदी है. वहीं आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 और 67A के तहत इस तरह का अपराध करने वाले व्यक्ति को 3 साल की जेल के साथ 5 लाख तक का जुर्माना देने का भी प्रावधान है. जबकि, IPC के सेक्शन-292, 293, 500, 506 के तहत भी इससे जुड़े अपराध को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं. हालांकि, ये सभी कानून पोर्नोग्राफी पर लागू होते हैं. चाइल्ड पोर्नोग्राफी में सजा पॉक्सो एक्ट के तहत होती है.


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