सोशल मीडिया, डीपफेक और एआई के दौर में किसी भी व्यक्ति की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ काफी आम बात हो गई है. हर दिन मोबाइल चलाते वक्त हमारे सामने ऐसी न जाने कितनी तस्वीर गुजरती हैं, जिनके साथ इस तरह की छेड़छाड़ हुई होती है. लेकिन जरा रुकिए! क्या आपके सामने कभी भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की ऐसी कोई तस्वीर आई है? क्या आपने ऐसी तस्वीर शेयर की है? अगर नहीं, तो आप सेफ हैं. लेकिन अगर आपने कभी भारत के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की तस्वीर के साथ इस तरह की छेड़छाड़ की है, या ऐसा करने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए. 


भारत में राष्ट्रीय चिह्नों, प्रतीकों और नामों से छेड़छाड़ को रोकने के लिए कानून का प्रावधान किया गया है. हालांकि, यह कानून अभी इतना प्रभावी नहीं है, लेकिन भारत सरकार इस कानून में ऐसे प्रावधान करने जा रही है, जो आपके लिए मुसीबत का कारण बन सकते हैं. आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के फोटो से छेड़छाड़ पर कितनी मिलती है सजा? और इस तरह के मामले में नियम क्या है. 


क्या है कानून?


राष्ट्रीय प्रतीकों, चिह्नों या नामों के अनुचित प्रयोग को रोकने के लिए प्रतीक एवं नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) कानून-1950 बनाया गया है. इसके तहत प्रधानमंत्री या फिर राष्ट्रपति की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करने पर सजा का प्रावधान है. अब तक राष्ट्रीय ध्वज, अशोक चक्र, संसद और सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक मुहर, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की तस्वीर, राजभवन या राष्ट्रपति भवन की तस्वीर से छेड़छाड़ करने पर 500 रुपये तक की पेनाल्टी थी. इतह के दुरुपयोग के मामले में दोबारा गलती करने पर अलग से सजा का प्रावधान नहीं था. 


कड़े किए गए नियम


खबरों के मुताबिक, भारत सरकार ने इस कानून में बदलाव किए हैं. इसके तहत भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की तस्वीर का दुरुपयोग करते हुए पाए जाने पर आपको 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या छह माह तक जेल या दोनों हो सकते हैं. भारत सरकार ने इस जुर्माने को 1000 गुना तक बढ़ा दिया है. यानी निजी कंपनियों द्वारा पीएम या राष्ट्रपति की तस्वीरें का गलत इस्तेमाल करने पर पहली बार में एक लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है. दोबारा गलती करने पर 5 लाख रुपये जुर्माना या छह माह तक की जेल हो सकती है.


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