इतिहास के पन्नों में कुछ नाम ऐसे हैं, जो अपनी बर्बरता और क्रूरता के लिए जाने जाते हैं. उनमें से एक नाम है रानी एलिजाबेथ बाथोरी, जिन्हें अक्सर "ब्लड काउंटेस" कहा जाता है. यह खूंखार महारानी अपने हद से ज्यादा किए जाने वाले अत्याचारों के लिए जानी जाती थीं और उनके बारे में कहा जाता है कि वे कुंवारी लड़कियों के खून से नहाती थीं. यह सुनने में बेहद अजीब लगने वाली कहानी सच है, जिसके पीछे एक लंबा इतिहास भी छुपा है.


कौन थीं रानी एलिजाबेथ बाथोरी?


रानी एलिजाबेथ बाथोरी का जन्म 1560 में हुआ था और वे हंगरी के एक जाने माने परिवार से थीं. उनके जीवन जीने के तरीके, विलासिता के अलावा उनके अत्याचारों के कारण भी उन्हें आज भी जना जाता है. लोग उन्हें इतिहास की सबसे बड़ी सीरियल किलर भी कहते हैं. कहा जाता है कि वे अपने साम्राज्य की सुरक्षा और अपने सुंदरता को बनाए रखने के लिए लड़कियों के खून का उपयोग करती थीं.


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सुंदरता के साथ शक्ति बढ़ाने के लिए करती थीं ऐसा


रानी बाथोरी का मानना था कि कुंवारी लड़कियों के खून से नहाने से वो हमेशा जवान और सुंदर रह सकती हैं. इसके पीछे एक गहरी मनोवैज्ञानिक सोच थी, जो उस समय के मिथकों और विश्वासों से जुड़ी हुई थी. उन्हें विश्वास था कि यह न केवल उनकी उम्र को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें कभी न हार मानने वाली शक्ति भी देगा.


हालांकि, इस प्रथा के पीछे कुछ कारण भी थे. रानी की जीवनशैली और उनके साम्राज्य में व्याप्त शक्तिशाली राजनीतिक संघर्षों ने उन्हें और बहुत ही ज्यादा क्रूर बना दिया था. शक्ति की भूख और नियंत्रण के लिए उनकी यह दरिंदगी यहां तक पहुंच गई कि वो निर्दोष लड़कियों की बलि तक चढ़ाने लगीं.


शक्ति और सुंदरता की भूख


रानी बाथोरी के अत्याचारों की कई कहानियां इतिहास में दर्ज हैं, जो उनकी क्रूरता को दर्शाती हैं. कहा जाता है कि उन्होंने सैकड़ों युवतियों को अपने महल में बुलाया और उनके खून से नहाने के लिए उन्हें मार दिया. यह प्रथा कई सालों तक चली. इससे ये भी साफ होता है कि एक समय पर समाज में सुंदरता और शक्ति की भूख ने इंसान को कई लोगों को मारने तक पर विवश कर दिया था.                                    


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