ब्रिटिश रॉयल फैमिली और उससे जुड़ी कई कहानियां इतिहास में दर्ज हैं. इसी तरह एक रानी थीं, जिन्हें वर्जिन क्वीन के नाम से जाना जाता है. इससे भी बड़ी बात कि इनके नाम पर आज एक शहर बसा हुआ है. दरअसल, हम जिस रानी की बात कर रहे हैं, उनका नाम है क्वीन एलिजाबेथ प्रथम. चलिए अब आपको इनसे जुड़ी कुछ अहम बाते बताते हैं.
एलिजाबेथ प्रथम को वर्जिन क्वीन क्यों बोलते हैं
हेनरी अष्टम और ऐनी बोलिन की बेटी एलिजाबेथ प्रथम ने 1558 से 1603 तक शासन किया था. कहा जाता है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में शादी नहीं की थी, इसलिए उन्हें वर्जिन क्वीन के नाम से संबोधित किया जाता था. एलिजाबेथ प्रथम ने अपनी जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना किया. इसमें धार्मिक उथल-पुथल को स्थिर करना सबसे बड़ी चुनौती थी. यहां तक कि रानी की राजनीतिक चतुराई ने उन्हें इतिहास का एक कुशल साशक भी माना. अब सवाल उठता है कि आखिर उन्होंने शादी ना करने का फैसला क्यों किया? कहा जाता है कि रानी एलिजाबेथ प्रथम नहीं चाहती थीं कि उनसे विवाह करने के बाद कोई विदेशी पुरुष इंग्लैंड की नीतियों को बदले.
एलिजाबेथ प्रथम का साहित्य से लगाव
सांस्कृतिक रूप से, एलिजाबेथ के युग में साहित्य और कला का खूब विकास हुआ. यही वजह है कि रानी के इस अवधि को एलिजाबेथ पुनर्जागरण के रूप में जाना जाता है. इसी युग में विलियम शेक्सपियर, क्रिस्टोफर मार्लो और एडमंड स्पेंसर जैसे दिग्गजों ने साहित्यिक को बुलंदियों पर पहुंचाया.
वर्जीनिया शहर का नाम कैसे पड़ा?
दरअसल, वर्जीनिया का नाम सर वाल्टर रैले द्वारा एलिजाबेथ प्रथम के सम्मान में रखा गया था, जब उन्होंने उत्तरी अमेरिका में पहली अंग्रेजी कॉलोनी स्थापित करने का प्रयास किया था. वर्जिन रानी की पवित्रता और अविवाहित स्थिति के प्रतीक के रूप में शहर का नाम "वर्जीनिया" चुना गया था.
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