उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. उत्तराखंड के ऋषिकेश को पूरे देश में एक पावन तीर्थ स्थान और योगा का केंद्र माना जाता है. जहां एक तरफ ऋषिकेश गंगा किनारे प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ ये जगह अपनी खूबसूरती के साथ ही एडवेंचरस एक्टिविटीज के लिए भी मशहूर है. ऋषिकेश में देश-विदेश से लोग रिवर रॉफ्टिंग करने के लिए आते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि ऋषिकेश में कितने किलोमीटर की रॉफ्टिंग को सबसे मुश्किल माना जाता है. 


ऋषिकेश राफ्टिंग


ऋषिकेश में गंगा राफ्टिंग का क्रेज सिर्फ भारत में ही नहीं दुनियाभर में है. हर साल लाखों पर्यटक ऋषिकेश में सिर्फ राफ्टिंग करने के लिए जाते हैं. लेकिन बता दें कि ये राफ्टिंग इतना आसान भी नहीं है. ऋषिकेश में होने वाली लंबी राफ्टिंग में कुछ ऐसी रैपिड आते हैं, जिसको देखने के बाद हर इंसान चौक जाता है. जी हां आज हम आपको बताएंगे कि कौनसी राफ्टिंग सबसे लंबी होती है और ये कितने किलोमीटर की होती है और इसमें कितने रैपिड आते हैं. 
 
कौन सा रैपिड मुश्किल ?


राफ्टिंग के बारे में जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि ये किस-किस ग्रेड में होता है. बता दें कि ग्रेड । को आसान माना जाता है. इसमें बहुत कम और छोटे रैपिड आते हैं, इसमें कोई मुश्किल नहीं होती है. ये करीब 9 किलोमीटर का होता है, जो ऋषिकेश के ब्रह्मपुरी से शुरू होता है. 


ग्रेड ॥ को थोड़ा मुश्किल माना जाता है. ये 16 किलोमीटर की राफ्टिंग होती है और इसमें करीब 7 से 8 रैपिड आते हैं. इसमें कुछ रैपिड काफी रोमांचक होते हैं. 


ग्रेड III को सबसे मुश्किल राफ्टिंग माना जाता है. क्योंकि ये काफी रोमाचंक होती है और इसमें कई सारे रैपिड आते हैं. इस राफ्टिंग के दौरान गाइड किसी बुजुर्ग को अपने साथ लेकर नहीं जाते हैं. क्योंकि इसमें जोखिम बढ़ा जाता है. ये राफ्टिंग मरीन ड्राइव पॉइंस से शुरू होकर लक्ष्मण और राम झूला पर खत्म होती है. 


ग्रेड IV अत्यधिक कठिन है. क्योंकि इस राफ्टिंग में कई शक्तिशाली लहरें आती हैं और इसमें खतरा काफी बढ़ जाता है. इस राफ्टिंग में गाइड एकदम स्वस्थ और जिन्हें तैरने आता है, उन्हें सिर्फ लेकर जाना पसंद करते हैं. ये रैपिड्स इतने ताकतवर होते हैं कि ये राफ्ट को आसानी से गिरा सकते हैं. बता दें कि कौडियाला से ऋषिकेश तक गंगा का रोमांच 36 किमी की दूरी तक फैला हुआ है, इस खंड में 13 बेहतरीन रैपिड्स हैं. इन रैपिड्स में सबसे खतरनाकर 'द वॉल' है, जहाँ हर 10 राफ्ट बोट में से 9 पलट जाती हैं.


राफ्टिंग के लिए क्या जरूरी


एबीपी न्यूज ने UK DIARIES के मालिक हिमांशु चौहान से राफ्टिंग सेफ्टी के बारे में बातचीत किया. हिमांशु चौहान ने बताया कि उनकी कंपनी यूके डायरीज बीते 10 सालों से ऋषिकेश में लोगों राफ्टिंग करा रही है. उन्होंने कहा कि राफ्टिंग के दौरान सबसे जरूरी गाइड की बात सुनना होता है. क्योंकि राफ्ट में सुरक्षा के लिए गाइड होते हैं और खतरे के समय वो ही सबको दिशा-निर्देश देते हैं. उन्होंने बताया हर साल देश-विदेश से हजारों टूरिस्ट उनके पास राफ्टिंग के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मानसून की वजह से अभी राफ्टिंग बंद हो चुकी है, अब टूरिस्ट सितंबर से दोबारा इसका लुफ्त उठा सकते हैं. हिमांशु चौहान ने कहा कि ऋषिकेश के शानदार पर्वतीय दृश्य और प्राकृतिक सौंदर्य ऋषिकेश को आकर्षक बनाता है. 


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