Railway Facts: भारत में शायद ही ऐसा कोई शहर होगा जहां इंडियन रेलवे की पटरियों पर ट्रेन नहीं चलती. यहां तक कि हमारे देश में दुनिया के कुछ सबसे लंबे रेल नेटवर्क भी शामिल हैं. कहते हैं कि भारतीय रेल हिंदुस्तान का दिल है, क्योंकि हिंदुस्तान की आधी से ज्यादा आबादी एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रेलवे का इस्तेमाल करती है. सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं, दुनिया के तमाम बड़े देशों में रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां आज तक एक भी ट्रेन नहीं चली है. यानी वहां रेलवे नाम की कोई चीज है ही नहीं. आज हम आपको ऐसे ही 5 देशों के बारे में बताएंगे, जहां के लोग आज भी ट्रेन में बैठने का सपना देखते हैं.
भारत का पड़ोसी देश भूटान
भारत, जहां का रेलवे नेटवर्क दुनिया के कुछ सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है, उसी के पड़ोस में एक ऐसा देश है जहां आज तक एक भी ट्रेन नहीं चली है. हम बात कर रहे हैं साउथ एशिया के सबसे छोटे देश और भारत के पड़ोसी भूटान की. भौगोलिक रूप से भूटान बहुत खूबसूरत है. पहाड़ों और वादियों से घिरा यह देश आज तक अपने यहां रेलवे नेटवर्क विकसित नहीं कर पाया. हालांकि, भविष्य के लिए भारत एक ऐसा प्लान तैयार कर रहा है जिसके जरिए वह भूटान को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ सकेगा.
दूसरा देश कुवैत
कुवैत का नाम आते ही आपके दिमाग में शेख और उनकी रिच लाइफ़स्टाइल घूमने लगती है. कुवैत वह देश है जहां तेल के अकूत भंडार हैं. भारत के बहुत से लोग कुवैत जैसे देश में पैसा कमाने जाते हैं और जमकर पैसा कमाते भी हैं. लेकिन इस छोटे से अमीर देश में आज तक कोई रेलवे नेटवर्क नहीं है. हालांकि, यह देश भी अब बहुत जल्द रेलवे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. यहां तक कि कुवैत सिटी से ओमान के बीच एक 1200 मील लंबे गल्फ रेलवे नेटवर्क पर काम होने की बातचीत भी चल रही है.
तीसरा देश अंडोरा
अंडोरा दुनिया का 11 सबसे छोटा देश है. इस देश में बेहद कम आबादी है और इसका क्षेत्रफल भी ज्यादा बड़ा नहीं है. यही वजह है कि आज तक इस देश में रेलवे नेटवर्क नहीं बन सका. इस देश में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ज्यादातर लोग या तो अपने निजी वाहन का इस्तेमाल करते हैं या फिर बसों का इस्तेमाल करते हैं. अंडोरा के लोगों के लिए सबसे करीबी रेलवे स्टेशन फ्रांस में है, जहां वह ट्रेन में बैठने का सुख ले सकते हैं.
चौथा देश ईस्ट तिमोर
ईस्ट तिमोर देश में भी रेलवे नेटवर्क अब तक नहीं बना है. यहां लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग करते हैं. यह देश क्षेत्रफल के हिसाब से छोटा है और यहां की आबादी भी बेहद कम है. इसके साथ साथ इस देश की आर्थिक स्थिति भी बड़े देशों की तरह मजबूत नहीं है. हालांकि, अब इस देश में भी एक 310 किलोमीटर लंबे एक्सटेंड इलेक्ट्रीफाइड सिंगल ट्रैक रेलवे नेटवर्क के निर्माण का काम शुरू होने वाला है.
पांचवा देश साइप्रस
साइप्रस में मौजूदा स्थिति में फिलहाल कोई रेल नेटवर्क नहीं है. हालांकि, साल 1950 से 1951 तक इस देश में जरूर एक रेलवे नेटवर्क था. लेकिन इस देश की आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं थी कि इसे चालू रखा जा सके. यही वजह है कि यहां 1951 के बाद से रेलवे को बंद कर दिया गया. हालांकि, बाद में साइप्रस माइंस कॉरपोरेशन की तरफ से एक रेल लाइन एक्सटेंशन की जरूर शुरुआत की गई, लेकिन इसे भी 1974 में बंद कर दिया गया. तब से आज तक इस देश में कोई भी ऑपरेशनल रेल नेटवर्क नहीं है.
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