मिलीमीटर में कैसे रिकॉर्ड होती है बारिश, आसमान से गिरे पानी की कैसे होती है नपाई?
Rainfall: आपने अक्सर बारिश के मौसम में MM जरुर सुना होगा. हर बार मौसम विभाग इसी मिलीमीटर के जरिए बारिश की जानकारी देता है, लेकिन इसे रिकॉर्ड कैसे किया जाता है?
Rainfall: जब भी बारिश होती है तो मौसम विभाग द्वारा बताया जाता है कि उस क्षेत्र में कितना पानी गिरा है. बारिश कितनी हुई है ये हमेशा मिलीमीटर में बताया जाता है, लेकिन क्या कभी सोचा है कि मौसम विभाग इसकी जानकारी लीटर में क्यों नहीं देता? और साथ ही मौसम विभाग बारिश को मिलीमीटर में मापता कैसे है कि आखिर आसमान से कितना पानी गिरा है? तो चलिए जान लेते हैं.
मिलीमीटर में क्यों मापी जाती है बारिश?
जब भी बारिश होती है तो मौसम विभाग बताता है कि इतने मिलीमीटर पानी गिरा है. दरअसल ये बारिश को मापने का इंटरनेशनवल स्टैंडर्ड है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह भी है. दुनियाभर में बारिश को इसी तररह से मापा जाता है, क्योंकि इस इकाई से बारिश के वॉल्यूम को कंवर्ट कर पाना आसान भी होता है.
इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि यदि कहीं 1mm बारिश हुई है तो इसका मतलब है कि 1 वर्ग मीटर में 1 लीटर पानी गिरा है. इससे ये समझना आसान होता है कि कितनी बारिश हुई है.
कैसे मापी जाती है बारिश?
बारिश मापने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला यंत्र वर्षामापी है. ये बारिश मापने का सबसे पुराना तरीका भी है. ये एक बहुत ही साधारण सा यंत्र होता है जिसमें कांच की बोतल लगी होती है. इसपर पैमाना भी लिखा होता है और इसे खुली जगह पर रखा जाता है. वर्षामापी बारिश को एमएम या फिर इंच में बताती है. इसलिए भी ये पैमाना अंतर्राष्ट्रीय माना जाता है. हालांकि वर्तमान में और भी कई तरीकों से बारिश को मापा जाता है.
कैसे पृथ्वी पर गिरती हैं बारिश की बूंदें
बता दें बादल में बूंदें बहुत छोटी और बहुत कम वजनी होती हैं. ये बूंदें बादलों में हवा के साथ तैरती हैं या फिर कहा जाए कि हवा में लटकती हैं. इन बादल की बूंदों को पृथ्वी पर गिरने के लिए भारी होना पड़ता है. जब वो दूसरी बूंदों के साथ मिलकर भारी हो जाती हैं तो बारिश के रूप में पृथ्वी पर आने लगती हैं. बारिश के होने में एक अहम फैक्टर पृथ्वी की आकर्षण शक्ति भी होती है. जो बादलों के पानी को अपनी ओर खींचती हैं.
एक बादल में कितनी बारिश हो सकती है?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक वर्ग मील के क्षेत्र में गिरने वाली एक इंच बारिश 17.4 मिलियन गैलन पानी के बराबर होती है. इतने पानी का वजन लगभग 143 मिलियन पौंड होगा इसकी तुलना कई सौ हाथियों से की जा सकती है. अब आप खुद सोचिए कि जब बादल तैरते हैं तो ये हल्के फुल्के लगते जरूर हैं लेकिन ये हल्के नहीं होते बल्कि अपने साथ भारी भरकम वजन लेकर चलते हैं.
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