राजीव गांधी की हत्या से पहले इस पूर्व प्रधानमंत्री से मिले थे हत्यारे, फिर ऐसे बनाया प्लान
देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या भारत के दुखद घटनाओं में एक है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजीव गांधी की हत्या करने वाले हमलावर हमले से पहले एक पूर्व पीएम से मिलकर आए थे.जानिए क्या था वो किस्सा.

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या को 23 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन उस दशक के लोगों को आज भी वो किस्सा भूलता नहीं है, जब 21 मई, 1991 के दिन राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमले में मौत हुई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजीव गांधी की हत्या करने वाले हमलावर उससे पहले एक पूर्व पीएम से भी मिलकर आए थे. जी हां, आज हम आपको उस हत्या की प्लानिंग के बारे में बताएंगे.
कैसे हुई थी राजीव गांधी की हत्या?
बता दें कि 21 मई, 1991 के दिन राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रहे थे. उनके मंच पर पहुंचने से पहले रेड कारपेट पर स्वागत के दौरान धनु नाम की हमलावर ने आत्मघाती हमला किया था. जानकारी के मुताबिक महिला चरमपंथी धनु ने जब पीएम राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूने के लिए झुकी थी, उसी समय उसने ने अपने कमर पर बंधे विस्फोटकों का बटन दबाकर ब्लास्ट किया था. इस आत्मघाती हमले में राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. वहीं इस हमले में पुलिस, कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं समेत 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.
कैसे हुई थी हत्या की प्लानिंग
राजीव गांधी की हत्या के पीछे आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी लिट्टे था. लेकिन इसका मास्टरमाइंड शिवरासन था. जब शिवरासन ने राजीव गांधी को मारने का प्लान बनाया था, तो उसने कई तरीको पर काम किया था. लेकिन अंतिम में उसने सुसाइड बम प्लान को फाइनल किया था. जब शिवरासन को ये जानना था कि पीएम की सिक्योरिटी कैसी होती है. इसके लिए शिवरासन ने प्लान बनाया और शिवरासन, धनु,सुधा और नलिनी पूर्व पीएम वीपी सिंह से मिलने का प्लान बनाते हैं. इसी दौरान उन्हें पता चलता है कि वीपी सिंह की चेन्नई में रैली होने वाली है, जिसके बाद ये सभी हमलावर उनको माला पहनाने और प्लान को पक्का करने के लिए उनसे मिलने जाते हैं. उस मुलाकात में धनु और सुधा माला पहनाती हैं और नलिनी का काम फोटो खिंचना था, लेकिन वो नहीं खींच पाती है. इसके बाद शिवरासन राजीव गांधी की हत्या की प्लानिंग करता है. जिसके बाद 21 मई 1999 के दिन राजीव गांधी की हत्या होती है.
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