राम कहानी: आज उस जगह क्या है, जहां पहली बार भगवान राम से मिले थे हनुमान?
Ram Mandir Ayodhya Inauguration: अयोध्या में राम मंदिर में होने वाली 'रामलला प्राण प्रतिष्ठा' की तैयारियों के बीच रामायण से जुड़ी कई कहानियां सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं.
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अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. 'प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम' की तैयारियों के बीच इंटरनेट पर भगवान राम के जीवन से जुड़ी कहानियों की भी चर्चा है. ऐसे में हम भी आपको बता रहे हैं कि जहां-जहां रामायण की प्रमुख घटनाएं हुई थीं, वो आज कहां हैं? आज उन जगहों पर क्या है? तो आज बात करते हैं उस जगह की, जहां भगवान राम और हनुमान की पहली बार मुलाकात हुई थी. तो जानते हैं रामायण के हिसाब से सबसे पहले राम और हनुमान की कहां मुलाकात हुई थी और आज वो जगह कहां है?
कब हुई थी राम-हनुमान की मुलाकात?
रामायण के अनुसार, जब भगवान राम-लक्ष्मण, सीता को खोजने के लिए जाते हैं तो इस बीच उनकी हनुमान से मुलाकात होती है. कहा जाता है कि सबसे पहले हनुमान ने साधु के रूप में उनसे मुलाकात की थी. ये जगह ऋष्यमूक पर्वत के पास बताई जाती है. कहा जाता है कि पहले सुग्रीव ने भगवान राम को देखा था और उसके बाद उन्होंने हनुमान से मुलाकात करवाई थी. अपने परिचय के बाद भगवान राम ने हनुमान को गले लगाया था.
ये जगह अब कहां है?
डॉ राम अवतार द्वारा लिखी गई किताब ‘वनवासी राम और लोक संस्कृति’ के अनुसार, माना जाता है कि जहां भगवान राम, हनुमान जी से मिले थे. हल्ली कोपल को भगवान राम और हनुमान मिलन की जगह मानी जाती है. यहां हनुमानजी और श्रीराम का मिलन हुआ था. पास ही एक पर्वत पर हनुमानजी की मां अंजना देवी का मंदिर भी है. कहा जाता है कि यहां से ही रामायण के किष्किंधाकांड की शुरुआत हुई थी. इसे हनुमान हल्ली भी कहा जाता है, जो कर्नाटक के कोप्पल जिले में है.
इसके पास ही हम्पी में ऋष्यमूक पर्वत पर एक जगह को सुग्रीव गुफा कहा जाता है, जहां के लिए कहा जाता है कि यहां सुग्रीव छुपकर रहते थे. इसी जगह के लिए यह भी कहानी है कि जब रावण सीता को लंका ले जा रहा था, उस वक्त सीता ने यहां कुछ वानरों को देखकर अपने आभूषण इसी क्षेत्र में गिरा दिए थे. इस क्षेत्र को किष्किंधा कहा जाता था, जो आज कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के बॉर्डर के आसपास है.
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