Arun Yogiraj: अरूण योगीराज का नाम अब किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा है. जब से देश में राम मंदिर बनने का काम शुरू हुआ है. और इस मंदिर में राम लला की मूर्ति स्थापित करने की कवायद तेज हुई है. तब से ही ये नाम लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. आपको बता दें कि अरूण योगीराज ही वो मूर्तिकार हैं जो भगवान राम के स्वरूप को मूर्त रूप दे रहे हैं. उनका नाम तो अब मशहूर हो चुका है.  लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि भगवान राम की मूर्ति बनाने से पहले अरूण योगीराज एमबीए पूरा कर, नौकरी कर रहे थे. लेकिन उनकी किस्मत नेम और फेम दोनों राम भक्ति के जरिए ही मिलना लिखा था. जब अरूण योगीराज ने अपने जीवन का ये अहम फैसला लिया तो उनकी पत्नी का रिएक्शन दिया है. एबीपी हिंदी लाइव ने अरुण योगीराज की पत्नी विजेता से खास बातचीत की

 

पत्नी का पहला रिएक्शन

अरूण योगीराज के मूर्तिकारी के फैसले पर उनकी पत्नी विजेता योगीराज ने हैरान करने वाला रिएक्शन दिया था. इस संबंध में उन्होंने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की. जिसमें उनसे पूछा  गया कि जब उन्हें अरूण योगीराज ने अपनी जिंदगी के इतने बड़े फैसले के बारे में बताया तो उनका रिएक्शन क्या था. इस सवाल पर विजेता योगीराज  ने कहा कि उनका पूरा ससुराल ही कलाकारों का ससुराल है. उन्होंने हमेशा अपने घर के लोगों को मूर्तियां बनाते हुए ही देखा है. अरूण योगीराज को भी उन्होंने यही काम करते देखा है. जिसमें वो बेहद खुश भी रहते हैं. इसलिए जब अरूण  योगीराज ने उन्हें बताया कि एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बावजूद वो मूर्ति बनाने का काम ही करना चाहते हैं तब ये बात सुनकर उन्हें भी बहुत खुशी हुई थी.

 

मूर्ति बनाने वाली पांचवी पीढ़ी

योगीराज परिवार की अरूण पांचवीं पीढ़ी हैं जो मूर्तियां गढ़ रहे हैं. उनके पिता योगीराज भी एक बेहतरीन मूर्तकार थे. उनके दादा का नाम बसवन्ना शिल्पी हैं. जो मैसूर के राजा के संरक्षण में भी रहे और खूब मूर्तियां गढ़ीं. अपने इस पारिवारिक हुनर को छोड़कर अरूण योगीराज ने एमबीए किया और एक प्रायवेट फर्म में नौकरी भी की. लेकिन अरूण योगीराज का मन नौकरी में नहीं रमा. आखिरकार अरूण योगीराज नौकरी छोड़ कर घर लौट आए और इसी हुनर को आजमाया और भगवान की मूरत बनाने के काम में ही रम गए.

 

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