रामलला प्राण प्रतिष्ठा: कई बार सुना होगा अयोध्या के हनुमानगढ़ी का नाम, जानिए इस जगह का इतिहास
क्या आप जानते हैं कि राम की नगरी अयोध्या में भगवान राम जी के परम भक्त हनुमान जी का भी मंदिर है? माना जाता है कि इस मंदिर में हनुमानजी हमेशा वास करते हैं. जानिए इस मंदिर का इतिहास.
यूपी के अयोध्या को रामनगरी भी कहा जाता है. जहां पर रामलला का भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है. इसी महीने की 22 तारीख को राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी का मंदिर हनुमानगढ़ी भी अयोध्या में ही स्थित है. आइए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताएंगे.
हनुमानगढ़ी
अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इनके दर्शन किए बिना रामलला के दर्शन अधूरे माने जाते हैं. कहा जाता है कि ये वहीं मंदिर है, जिसे भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए दिया था. अयोध्या में आने से पहले हनुमागढ़ी में विराजमान हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए. क्योंकि राम जी ने जब हनुमान जी को ये मंदिर दिया था तब उन्होंने कहा था कि जब भी काई भक्त अयोध्या आएंगा, तब वो सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन करेगा. जानकारी के मुताबिक इस बात का वर्णन हमारे अथर्ववेद में है.
हनुमान जी यहां हर वक्त मौजूद
ये मंदिर अयोध्या शहर के बीचो बीच स्थित है. माना जाता है कि हनुमान जी यहां हर वक्त मौजूद रहते हैं. हनुमान जी का ये मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस मंदिर में कोई भी भक्त अगर हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाता है, तो उसे सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती जाती है. यहां पर मुख्य मंदिर में बाल हनुमान के साथ अंजनी माता की मूर्ति लगी हुई है. वहीं इस मंदिर में लंका से जीत के बाद लाए गए निशान भी रखे गए हैं. मंदिर में एक खास ष ‘हनुमान निशान' है, जो करीब चार मीटर चौड़ा और आठ मीटर लंबा ध्वज है. मान्यता के अनुसार हर पूजा से पहले हनुमान निशान राम जन्मभूमि स्थल में ले जाया जाता है. जहां पर सबसे पहले इसकी पूजा की जाती है. इस निशान को एकसाथ 200 लोग राम जन्मभूमि तक लेकर जाते हैं. बता दें कि हनुमान जी के दर्शन के लिए भक्तों को 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. इस मंदिर की सभी दीवारों पर हनुमान चालीसा और चौपाइयां लिखी हुई है.
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