(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कश्मीर के शेर...भारतीय सेना की वो खास यूनिट जो आतंकवादियों पर कभी रहम नहीं करती
इस फोर्स ने घाटी से कई बड़े आतंकवादियों और उनको गुटों का सफाया किया है. इस फोर्स के बारे में कहा जाता है कि ये जिस आतंकी गुट के पीछे लग जाती है, उसका नाम लेने के लिए कोई जिंदा नहीं बचता.
ये 1990 का दौर था. दिल्ली में विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार चला रहे थे और देश में मंडल कमीशन और ओबीसी आरक्षण को लेकर बहस छिड़ी हुई थी. लेकिन, इन दिनों घाटी में कुछ और ही हो रहा था. जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से आए आतंकवादी कोहराम मचा रहे थे और पूरे सूबे में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी.
दिल्ली पर प्रेशर बढ़ रहा था. इसी बीच फैसला लिया गया कि भारतीय सेना की एक नई यूनिट बनाई जाएगी, जो कश्मीर से आतंकवादियों का सफाया करेगी और उनके इनफॉर्मेशन से लेकर लॉजिस्टिक्स नेटवर्क तक को नीस्त-नाबूद कर देगी. इस स्पेशल यूनिट का नाम था राष्ट्रीय राइफल्स. चलिए इस खास फोर्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं.
हाल की घटना क्या है
24 अक्तूबर को खबर आई कि नियंत्रण रेखा (LoC) के पास गुलमर्ग में 18 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के एक वाहन पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में सेना के दो जवान और एक कैप्टन भी शहीद हो गए. जबकि, दो आम नागरिकों की भी मौत हुई.
सेना का कहना है कि इस हमले में चार से पांच आतंकियों के होने की आशंका है. हालांकि, अभी तक कोई भी आतंकवादी पकड़ा नहीं गया है. लेकिन सेना उनकी तलाश कर रही है. इसके लिए ड्रोन, हेलिकॉप्टर, स्निफर डॉग सबकी मदद ली जा रही है.
'दृढ़ता और वीरता'
1990 के दशक की शुरुआत में जब राष्ट्रीय राइफल्स का गठन किया गया तो उनका आदर्श वाक्य बना 'दृढ़ता और वीरता'. ये फोर्स अपना काम भी इसी सिद्धांत पर करती है. 1990 के बाद से अब तक इस फोर्स ने घाटी से कई बड़े आतंकवादियों और उनको गुटों का सफाया किया है. इस फोर्स के बारे में कहा जाता है कि ये जिस आतंकी गुट के पीछे लग जाती है, उसका नाम लेने के लिए कोई जिंदा नहीं बचता.
कहां-कहां काम करती है ये फोर्स
राष्ट्रीय राइफल्स मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर में तैनात है. यहां इनका मुख्य काम आतंकवाद को खत्म करना है. इसके अलावा राष्ट्रीय राइफल्स आतंकवादियों की गतिविधियों पर नज़र रखने और घाटी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी हमेशा तैनात रहती है.
राष्ट्रीय राइफल्स के जवान जम्मू और कश्मीर में खासतौर से उन जगहों पर तैनात रहते हैं जो इलाके पाकिस्तान की सीमा से लगे हैं. जैसे- उधमपुर, राजौरी, पुंछ अनंतनाग, कुलगाम, और पुलवामा. इसके अलावा घाटी में जहां भी आतंकवादी गतिविधियां देखी जाती हैं वहां राष्ट्रीय राइफल्स के जवान उनके खात्मे के लिए पहुंच जाते हैं.
इनके पास कैसे हथियार होते हैं
ऐसे तो भारतीय सेना के हर जवान के पास एक से बढ़ कर एक हथियार होते हैं. लेकिन, राष्ट्रीय राइफल्स की बात करें तो इस फोर्स के जवानों के पास ना सिर्फ घातक हथियार होते हैं बल्कि ऐसे आधुनिक हथियार होते हैं जिनके बारे में आतंकवादी सोच भी नहीं सकते.
जैसे- INSAS राइफल, AK-47 और AK-56, स्नाइपर राइफल्स Dragunov, LMG (Light Machine Gun), Browning M2, हैंड ग्रेनेड, M79 ग्रेनेड लांचर, ड्रोन और कई आधुनिक तकनीक वाले हथियार.
ये भी पढ़ें: जेल के अंदर से ही क्राइम कर रहा है लॉरेंस बिश्नोई, क्या उसकी सजा भी बढ़ रही है?