Ratan Tata Biodata: टाटा समूह की 155 साल की विरासत को आगे बढ़ाने वाले रतन टाटा की पहचान आज दुनिया में एक सफल बिजनेस मैन के रूप में होती है. काफी कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि रतन टाटा ने भी अपना करियर एक कर्मचारी के तौर पर शुरू किया था. उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने ट्रिलियन डॉलर का व्यवसाय बनाया. जब रतन टाटा की पहली नौकरी लगी थी तब उन्होंने अपना बायोडाटा कैसे बनाया था और उन्हें पहली नौकरी कैसे मिली थी? इसकी जानकारी आज हम आपको देने जा रहे हैं. 


रतन टाटा का पहला बायोडाटा


भारत वापस आने के बाद, रतन टाटा को आईबीएम में नौकरी मिल गई लेकिन उनके गुरु जेआरडी टाटा उस फैसले से खुश नहीं थे. रतन टाटा ने याद करते हुए कहा, "उन्होंने एक दिन मुझे फोन किया और कहा कि तुम यहां भारत में रहकर आईबीएम के लिए काम क्यों नहीं कर सकते." टाटा ग्रुप में नौकरी पाने के लिए रतन टाटा को अपना बायोडाटा जेआरडी टाटा के साथ साझा करना था, लेकिन उस वक्त उनके पास अपना बायोडाटा नहीं था. रतन टाटा ने उस समय आईबीएम कार्यालय में एक इलेक्ट्रिक टाइपराइटर पर टाटा समूह में नौकरी पाने के लिए अपना बायोडाटा बनाया था. उन्होंने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि मैं आईबीएम कार्यालय में था और मुझे याद है कि उन्होंने (जेआरडी टाटा) मुझसे बायोडाटा मांगा था, जो मेरे पास नहीं था. कार्यालय में इलेक्ट्रिक टाइपराइटर थे इसलिए एक शाम मैंने बैठकर उस टाइपराइटर पर एक बायोडाटा टाइप किया और उन्हें दे दिया. 


1962 में मिली थी पहली नौकरी


अपना बायोडाटा शेयर करने के बाद रतन टाटा को 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में नौकरी मिल गई और नौकरी मिलने के लगभग तीन दशक बाद, 1991 में जेआरडी टाटा के निधन के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला. रतन टाटा भारत के सबसे प्रसिद्ध अरबपतियों में से एक हैं. ज्यादातर लोग रतन टाटा को टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में जानते हैं जिन्होंने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि रतन टाटा एक आईटी फर्म में नौकरी करना चाहते थे और खुद जेआरडी टाटा ने उन्हें टाटा ग्रुप में शामिल होने के लिए कहा था. एक पुराने वीडियो में जो अब फिर से इंटरनेट पर सामने आया है, रतन टाटा ने खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने टाटा समूह में नौकरी पाने के लिए अपना सीवी बनाया. जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है और वह अमेरिकी जीवनशैली से इतने प्रभावित थे कि वह लॉस एंजिल्स में बसने के लिए तैयार थे. हालाँकि, अपनी दादी की तबीयत खराब होने के बाद टाटा को भारत वापस आने के लिए मजबूर होना पड़ा.


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