Ratan Tata: भारत के सबसे मशहूर उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा कल यानी 9 अक्टूबर की देर रात दुनिया को अलविदा कह गए. रतन टाटा का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा था. इसी के चलते उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. हालांकि 2 दिन पहले ही रतन टाटा ने सोशल मीडिया के जरिए अपने स्वास्थ्य को लेकर जानकारी दी थी कि वह बिल्कुल ठीक है लेकिन दो दिन बाद ही उनका देहांत हो गया.
भारत के सबसे बड़े ग्रुप टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा को उद्योग क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई अवार्ड भी दिए गए. साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया. तो वहीं साल 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. लेकिन उन्हें भारत रत्न अवार्ड नहीं दिया गया. आखिर क्या वजह रही कि रतन टाटा को भारत रत्न नहीं दिया गया. भारत समेत दुनिया के किन देशों में रतन टाटा के नाम पर अवार्ड दिए जाते हैं. चलिए आपको बताते हैं.
रतन टाटा को क्यों नहीं मिला भारत रत्न?
उद्योगपति रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के जरिए कई साल देश की सेवा की रतन टाटा ने न सिर्फ टाटा ग्रुप के कारोबार को बढ़ाया. बल्कि उन्होंने मानवता के लिए भी खूब काम किए. समय-समय पर जरूरतमंदों को खूब पैसे भी डोनेट कियए. करोना काल में टाटा समूह ने 1500 करोड़ रुपए का दान दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रतन टाटा ने अपनी कमाई का 60-70 फीसदी हिस्सा दान किया है. और यही वजह है कि देशवासी रतन टाटा को भारत देने की मांग करते रहे हैं.
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इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर #BharatRatnaForRatanTata का हैशटैग भी चलाया गया था. लेकिन सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया है. भारत रत्न के लिए सरकार के कुछ पैमानों को आधार बनाती है. उसी के तहत भारत रत्न सम्मान दिया जाता है. भारत में अब तक सिर्फ एक उद्योगपति को भारत रत्न दिया गया है. वह भी रतन टाटा के परिवार से हैं. साल 1992 में जहांगीर रतन जी दादाभाई टाटा यानी जेआरडी टाटा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
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रतन टाटा को मिले हैं यह पुरस्कार
साल 2000 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया, 2004 में रिपब्लिक ऑफ उरुगुवे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस ने मेडल ऑफ द ओरिएंटल दिया, 2008 में भारत सरकार ने पद्म विभूषण से नवाजा, 2008 में ही यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज ने ओनररी डॉक्टर ऑफ लॉ की डिग्री दी, 2008 में आईआईटी, बॉम्बे ने ओनररी डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि दी.
2008 में आईआईटी खरगपुर ओनररी डॉक्टर ऑफ साइंस, 2008 में सिंगापुर सरकार ने ओनररी सिटिजन अवॉर्ड दिया, 2016 में फ्रांस सरकार ने कमांडर ऑफ द लीजन ऑफ द ओनर से सम्मानित किया, 2023 में किंग चार्ल्स III ने ओनररी ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया से सम्मानित किया, 2023 में महाराष्ट्र सरकार ने उद्योग रत्न से सम्मानित किया.
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