Watermelon: तरबूज गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल है. इसे देखते ही कुछ लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. तरबूज को खाने के अपने फायदे भी हैं. समय बीतने के साथ तरबूज की अलग-अलग प्रजातियां विकसित की गई. यूं तो आज तक आपने बहुत तरबूज खाएं होंगे. कुछ हद से ज्यादा मीठे होंगे तो कुछ लाल सुर्ख, लेकिन क्या कभी पीला तरबूज खाया है? पिछले कुछ सालों से मार्केट में लाल के अलावा पीला तरबूज भी दिखाई देने लगा है. इसे देखकर आपके मन में यही सवाल आएगा कि आखिर इस तरबूज का रंग पीला क्‍यों है?


डेजर्ट किंग है पीला तरबूज


बताया जाता है कि लाल तरबूज के बीज 5 हजार साल पहले पाए गए थे और 1,000 साल बाद पीले तरबूज के बीज मिले. इसे डेजर्ट किंग के नाम से भी जाना जाता है, क्‍योंकि ये अधिकतर रेगिस्‍तानी क्षेत्रों में में उगते हैं, जहां पानी की कमी होती है.


दोनों में है अंतर


तरबूज के नाम सुनते ही हर किसी के जेहन में लाल रंग के एक रसीले और मीठे फल की तस्‍वीर उभरती है. लेकिन बड़ी दिलचस्‍प बात है कि मार्केट में अब पीले रंग के तरबूज भी दिखने लगे हैं. ये अंदर से पीले रंग के होते हैं. खाने में ये लाल तरबूज की तरह ही मीठे होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये उनसे अलग हैं. 


रंग का अंतर


दोनों के बीच अंतर की सबसे बड़ी वजह इसमें मौजूद एक केमिकल है. इनमें एक केमिकल ऐसा ऐसा है, जो तय करता है कि तरबूज का रंग कैसा होगा... लाल या पीला? विज्ञान के मुताबिक, वह लायकोपीन नाम का केमिकल ही है, जो इन तरबूजों में अंतर पैदा करता है. लाल तरबूज में तो यह केमिकल उपस्थित होता है, लेकिन पीले तरबूज में नहीं. 


अन्य अंतर


आइए अब समझते हैं कि दोनों में रंग के अलावा और क्या अंतर हैं. लाल के मुकाबले पीला तरबूज थोड़ा अधिक मीठा होता है और इसमें विटामिन ए और सी पर्याप्‍त मात्रा में होते हैं. दोनों में से पीले तरबूज को ज्‍यादा बेहतर माना जाता है, क्‍योंकि इसमें लाल की तुलना में ज्‍यादा एंटीऑक्‍सीडेंट्स और बीटा कैरोटीन पाया जाता है. बीटा कैरोटीन कैंसर व आंखों से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करता है.


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