Birds: आमतौर पर पक्षी आसमान में उड़ते हैं. पेड़ों पर उनका बसेरा होता है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, धरती पर पक्षियों की 9 से 10 हजार प्रजातियां हैं. इन सभी में हर प्रजाति के पक्षियों की अलग-अलग खासियत होती हैं. इनके आकार, रहन-सहन, रंग रूप, भोजन और क्षमताओं में भी अंतर देखने को मिलता है. कुछ लंबी और ऊंची उड़ान भर सकते हैं, तो कुछ छोटी और नीची उड़ान भरने के लिए बने हैं. ऐसे में, आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे मेज बताने जा रहे हैं, जो चलता भी है और उड़ता भी है लेकिन कभी पेड़ पर नहीं बैठता है. शायद बहुत से लोगों ने इस पक्षी को अपने आस पास देखा भी होगा, खासकर ग्रामीण इलाके के लोगों ने.
कौन-सा है ये पक्षी?
Red-wattled Lapwing पक्षी को scientific रूप से Vanellus indicus कहा जाता है. शायद आप अभी तक इस पक्षी को पहचान नहीं पाए होंगे. दरअसल, आम भाषा में इसे टिटोनी या टिटिहरी कहा जाता है. इसे मैदानों, झील या नदी के किनारों पर, जंगलों और खेतो में आसानी से देखा जा सकता है. मुख्य रूप से यह एशिया में पाया जाता है.
पेड़ पर नहीं बैठता यह पक्षी
टिटिहरी के बारे में खास बात यह है कि यह पक्षी पेड़ पर अपना घोंसला नहीं बनाता है. यह अपना घोंसला खेतों में जमीन पर या झाड़ियों में बनाता है. साथ ही उड़ना जानने के बाद भी यह पक्षी पेड़ों पर नहीं बैठता है. हालांकि, टिटिहरी बहुत लंबी उड़ान नहीं भरते हैं. इसकी लम्बाई करीब 32 से 35 सेमी होती है, और वजन लगभग 200-250 ग्राम होता है. यह धूसर भूरे रंग का एक शांत पक्षी होता है. लेकिन, अपने अंडों की सुरक्षा में ये आक्रामक हो जाता है. अक्सर इसके अंडे सांप या अन्य जानवर खा जाते हैं
पेड़ पर सोते हुए पक्षी गिरते क्यों नहीं?
पक्षियों का सोते समय डाल न गिरने का पहला कारण यह है कि उनके दिमाग का एक हिस्सा इस दौरान भी जगा रहता है. दूसरा कारण उनके पैरों की बनावट है. कुदरत ने उन्हें किसी भी वस्तु को अच्छी तरह जकड़ने की क्षमता दी है. सोते समय उनके पंजे टहनियों को जकड़ लेते हैं.
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