पटियाला पैग और पंजाब के महाराजा के बीच क्या है संबंध, जानें कैसे हुई थी इसकी शुरूआत
आप सभी लोगों ने कभी ना कभी पटियाला पैग का नाम जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते कि पंजाब के महाराजा ने कैसे इसकी शुरूआत की थी. जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी.
शराब का जब भी नाम आता है, तो आप पटियाला पैग का नाम जरूर सुनते होंगे. इतना ही नहीं पटियाला पैग का जिक्र आपने कई बार फिल्मों और गानों में भी सुना होगा. लेकिन क्या कभी सोचा है आखिर इसे पटियाला पैग ही क्यों बोला जाता है? इसका नाम चंडीगढ़, दिल्ली या किसी और शहर के नाम पर क्यों नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि पटियाला पैग की शुरूआत कैसे हुई थी.
क्या है पटियाला पैग की कहानी?
एक रिपोर्ट के मुताबिक पटियाला पैग की ईजाद पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह के दरबार में हुई थी. बता दें कि भूपिंदर सिंह ने 1900 से 1938 तक तत्कालीन पटियाला रियासत पर शासन किया था. महाराजा आधुनिक भारतीय इतिहास के सबसे प्रसिद्ध और विवादास्पद शख्सियतों में से एक थे. कहा जाता है कि वह अक्सर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों और खिलाड़ियों के लिए शानदार पार्टियां आयोजित करते थे. इतना ही नहीं वह खुद एक खिलाड़ी थे और उन्होंने 1911 में इंग्लैंड का दौरा करने वाली भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की थी.
कैसे हुआ पटियाला पैग की शुरूआत
जानकारी के मुताबिक महाराजा को मैच में हार पसंद नहीं थी. इसलिए उन्होंने एक रणनीतिक योजना तैयार की थी. उन्होंने अपने कर्मचारियों को बड़े मैच से एक रात पहले रात के खाने में मेहमान टीम को दोगुनी मात्रा में व्हिस्की देने का आदेश दिया था. उन्होंने अनुमान लगाया था कि आयरिश टीम के सदस्य अगली सुबह भारी हैंगओवर के साथ उठेंगे और अपनी पूरी क्षमता से नहीं खेल पाएंगे. महाराजा ने जैसा सोचा था वैसा ही हुआ भी. मैच में महाराजा की टीम जीत गई थी. हालांकि जब वायसराय की टीम का राजनीतिक एजेंट महाराजा से शिकायत करने गया, तो उन्होंने यह कहकर जवाब दिया कि हां पटियाला में हमारे पैग बड़े होते हैं.
एक और किस्सा
पटियाला पैग को लेकर एक और किस्सा है कि आयरिश पोलो टीम के बजाय महाराजा ने ऐसा वास्तव में ब्रिटिश क्रिकेट टीम के खिलाफ किया था. पटियाला पैग के निर्माण के बारे में एक और लोकप्रिय किस्सा यह भी है कि महाराजा को उनके डॉक्टर ने सलाह दी थी कि वे इसे दिन में केवल एक गिलास शराब पियें, इसलिए वो इतना बड़ा पैग पीते थे. एक कहानी यह भी है कि महाराजा की देर से आने की प्रवृत्ति को देखते हुए, उनके मेहमानों ने बड़े पैग (पटियाला पैग) डालना शुरू किया था.
कितना बड़ा होता पटियाला पेग?
जानकारी के मुताबिक एक पटियाला पैग लगभग 120 मिलीलीटर व्हिस्की (एक डबल-डबल) के बराबर होता है. महाराजा भूपिंदर सिंह द्वारा ‘पटियाला पैग’ का नामकरण किया गया था. आज ये पैग पूरी दुनिया में फेमस है. जानकारी के मुताबिक शुरुआत में ‘पटियाला पैग’ सिर्फ शाही मेहमानों को परोसा जाता था. एबीपी न्यूज कभी भी शराब पीने का समर्थन नहीं करता है, शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है.
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