अनंत अंबानी के पास है प्राइवेट चिड़ियाघर, जानें क्या हैं इसे लेकर नियम
रिलायंस ग्रुप के पास जामनगर में एक प्राइवेट चिड़ियाघर है. अब सवाल ये है कि रिलायंस ग्रुप ने किन नियमों के जरिए प्राइवेट जू खोला है, क्या कोई भी व्यक्ति प्राइवेट जू खोल सकता है.
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भारत और एशिया के सबसे अमीर और रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अबांनी और राधिका मर्चेंट की आज शादी है. जहां दुनियाभर में एक तरफ अनंत और राधिका की शादी का चर्चा है, वहीं दूसरी तरफ अनंत अंबानी के प्राइवेट चिड़ियाघर को लेकर सोशल मीडिया पर खूब सवाल उठ रहे हैं. अब सवाल ये है कि क्या कोई भी व्यक्ति अपना प्राइवेट चिड़ियाघर खोल सकता है और इसको लेकर नियम क्या हैं.
प्राइवेट चिड़ियाघर
अनंत अंबानी और राधिका का प्री वेडिंग सेलिब्रेशन जामनगर में हुआ था. जिसमें दुनियाभर से लोग आए थे. अब सवाल ये है कि जामनगर में स्थित जू क्या रिलायंस ग्रुप का प्राइवेट चिड़ियाघर है. बता दें कि रिलायंस समूह ने कुछ महीने पहले गुजरात के जामनगर में ‘वनतारा’ नाम की विशाल योजना की घोषणा की थी, जिसका मक़सद वन्य जंतुओं की देखभाल और संरक्षण बताया गया था. इस परियोजना के प्रमुख मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी हैं. बता दें कि इस प्राइवेट जू में हाथियों समेत अन्य जानवरों को रखा जा रहा है.
रिलायंस ग्रुप का जू
बता दें कि रिलायंस ग्रुप के प्राइवेट जू को लेकर याचिका भी दाखिल की गई थी. लेकिन आज हर कोई सिर्फ ये जानना चाहता है कि क्या कोई व्यक्ति प्राइवेट जू खोल सकता है. बीबीसी से बातचीत में पूर्व आईएफ़एस अधिकारी ब्रजराज शर्मा ने बताया कि भारत में प्राइवेट ज़ू कोई नई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में निजी चिड़ियाघर पहले से मौजूद है. टाटा समूह से जुड़ा जमशेदपुर स्थित ज़ू इसका एक उदाहरण है. बता दें कि भारत में किसी भी तरह का चिड़ियाघर खोलने या उसे चलाने के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मान्यता लेना ज़रूरी होता है. ये मान्यता मिलने के बाद चिड़ियाघरों को साल 2009 में संशोधित किए गए चिड़ियाघर मान्यता नियमों के तहत चलाना होता है. अगर कोई व्यक्ति तय नियमों से चिड़ियाघर को नहीं चलाता है, तो मान्यता रद्द कर दी जाती है. इसकी जांच के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अधिकारी नियमित रूप से सभी चिड़ियाघरों का मुआयना करते हैं
बता दें कि रिलायंस समूह ने जामनगर में तीन हज़ार एकड़ में एक फैसिलिटी तैयार की थी, जिसका एक बड़ा क्षेत्र हाथियों के लिए है. हाथियों के लिए विशेष रूप से बनाए गए इस केंद्र में 200 से ज़्यादा हाथियों को रखा जाएगा. इतना ही नहीं इन हाथियों की देखभाल के लिए 500 से ज़्यादा प्रशिक्षित कर्मचारियों को लगाया गया है. इनमें जानवरों के डॉक्टरों से लेकर बायोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और न्यूट्रिशनिस्ट आदि शामिल है.
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