Japan Surname Law: अग्रवाल स्वीट्स, गुप्ता स्वीट्स यह भारत में मिठाई वालों की दुकान के सबसे आम नाम हैं. लोग इनके सहारे अपने पते तक निर्धारित कर लेते हैं. जैसे अगर कोई गुप्ता स्वीट्स के पास रहता है. तो वह किसी व्यक्ति को बता सकता है कि उसका घर गुप्ता स्वीट्स के पास है. लेकिन अगर दोनों स्वीट्स के नाम एक जैसे हो जाएंगे फिर दिक्कत हो जाएगी.
हमने आपको दुकानों के नाम और उनकी पहचान के बारे में इसलिए बताया क्योंकि अलग लोगों के अलग सरनेम होते हैं. जो कि उनकी पहचान होती है. लेकिन जापान में हाल ही में एक रिसर्च हुई है. जिसमें यह बताया गया है कि अगले 500 सालों में जापान के सभी लोगों का सरनेम एक हो सकता है. चलिए जानते हैं क्या है पूरी खबर.
जापान में सभी लोगों का हो जाएगा एक सरनेम
हाल ही में जापान में उपनाम यानी सरनेम को लेकर तोहोकू यूनिवर्सिटी ने रिसर्च की और चौंकाने वाले खुलासे किए. जापान की तोहोकू यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र प्रोफेसर हिरोशी योशिदा की रिसर्च के मुताबिक जापान में अगले पांच सौ सालों में याना 2531 में सभी लोगों का सरनेम सातो हो जाएगा. फिलहाल अगर बात की जाए तो पहले ही जापान में सातो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सरनेम है. फिलहाल अगर बात करें तो जापान की कुल आबादी जो कि 12.5 करोड़ है. उसमें से तकरीबन 18 लाख लोग सातो सरनेम का इस्तेमाल करते हैं.
अलग है जापान में सरनेम कानून
जापान में सरनेम को लेकर अलग तरह का कानून है. भारत में शादी के बाद अक्सर पत्नियां अपने पति के सरनेम को अपना लेती हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वह ऐसा करें ही. लेकिन इस बात से उलट जापान में शादी के बाद पति-पत्नी को एक ही सरनेम रखना होता है. यह जापान का कानून है. लेकिन इसमें इस बात की छूट है पति-पत्नि दोनों कोई भी एक दूसरे का सरनेम अपना सकता है. पर आकंड़ों के अनुसार पत्नियां ही अपने पतियों के सरनेम को अपनाती हैं. जापान में यह कानून सदियों पुराना है. लेकिन फिलहाल इसका काफी विरोध किया जा रहा है.
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