America Reservation System: भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी में हाल ही में अमेरिका दौरे पर भारत में आरक्षण को लेकर वक्तव्य दिया. बीजेपी के नेताओं ने राहुल गांधी के इस वक्तव्य की आलोचना की. अगर भारत में आरक्षण बात की जाए तो इसकी कहानी 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है. तब से लेकर अबतक आरक्षण के प्रारूप बदले आरक्षण के नियम बदले. आप आए दिन देखते होंगे आरक्षण को लेकर कई जगह आंदोलन भी होते रहते हैं. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आता है.


क्या सिर्फ भारत में ही आरक्षण को लेकर व्यवस्था है या दुनिया के और भी देश अपने राज्य के नागरिकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करते हैं. क्या अमेरिका में भी लोगों को आरक्षण दिया जाता है. क्या है अमेरिका में नौकरी देने का आधार. पर आपके मन में भी यह सब सवाल आते हैं तो आज हम आपको इन सवालों के जवाब देंगे. 


अमेरिका में भी दिया जाता है आरक्षण


अमेरिका दुनिया के विकसित देशों में से एक है. कहना गलत नहीं होगा कि अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर और सबसे संपन्न देश है. भारत में आरक्षण को लेकर आए दिन सुर्खियां बनती रहती हैं. हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब अमेरिका गए तो उन्होंने आरक्षण को लेकर के भी बात कही. बता दें आरक्षण सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के और देशों में भी है. जिसमें अमेरिका का भी नाम शामिल हैं.


यह भी पढ़ें: मुफ्त में आधार कार्ड अपडेट कराने के बचे हैं बस इतने दिन, तुरंत उठा लें फायदा


हांलाकि अमेरिका में आरक्षण का प्रारूप थोड़ा अलग है. अमेरिका में आरक्षण को एफर्मेटिव एक्शन कहा जाता है. यह जातीय स्तर पर नहीं होता. बल्कि नस्लीय रूप से भेदभाव झेलने वाले अश्वेत लोगों को बराबर के मौके देने के लिए कई जगहों पर एक्स्ट्रा नंबर्स दिए जाते हैं. अमेरिका के मीडिया क्षेत्र में और फिल्मी क्षेत्र में काम कर रहे अश्वेत कलाकारों भी आरक्षण दिया जाता है. 


यह भी पढ़ें: तुरंत खाते में पहुंच जाएगी लाडली बहना योजना की अटकी हुई किस्त, करना होगा बस ये काम


नौकरियों को लेकर नहीं है अलग से आरक्षण


जैसा कि हमने आपको बताया अमेरिका में आरक्षण को एफर्मेटिव एक्शन कहा जाता है. और यह नस्लीय भेदभाव झेल चुके अश्वेत लोगों को अलग-अलग जगहों पर समाज में बराबर की भागीदारी के लिए आरक्षण दिया जाता है. लेकिन वही अगर बाकी अन्य नौकरियों की बात की जाए. 


तो वहां इस तरह के आरक्षण को लेकर अलग से कोई प्रावधान नहीं है. यानी अमेरिका में मेरिट बेस्ड सिलेक्शन होता है. जो लोग किसी नौकरी को पाने के लिए अप्लाई करते हैं. उसका टेस्ट देते हैं. और बाकी के ड्यू प्रोसेस को फॉलो करने के बाद लोगों को नौकरियां मिलती हैं.


यह भी पढ़ें: Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में हुआ बदलाव, 1 अक्टूबर से पहले नहीं किया ये काम तो होगा नुकसान