यहां लाइट से नहीं, बल्कि बैक्टीरिया से सड़कों पर जल रही है लाइट! ये ट्रिक देख आप भी कहेंगे- ये भारत में भी होना चाहिए
Street lighting Bactera: फ्रांस के रॉमबुइये शहर में बिजली से रोशनी करने के बजाय बैक्टीरिया से सड़कें जगमग करने पर काम हो रहा है. आइए जानते हैं कैसे हो रहा ये अनोखा कारनामा.
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Street Lighing: आमतौर पर बैक्टीरिया का नाम आते ही हमारे दिमाग में एक ऐसे सूक्ष्म जीव की छवि उभरती है, को सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है. लोग बैक्टीरिया से दूर ही भागते हैं और इससे बचने के उपाय करते रहते हैं. बैक्टीरिया उनकी सेहत को नुकसान न पहुंचा सके इसके लिए साफ-सफाई के काम पर लोग हजारों रुपये खर्च कर देते हैं. सोचिए जहां, दुनियाभर के लोग इस खतरनाक जीव से दूर रहना चाहते हैं, जिसको किसी नुकसान पहुंचाने वाले जीव के रूप में देखा जाता है, वहीं फ्रांस के एक शहर में बैक्टीरिया का एक अलग ही तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां विज्ञापनों वाले बोर्ड बिजली की बजाय बैक्टीरिया की मदद से रोशन किए जा रहे हैं.
बैक्टीरिया से हो रही रोशनी
फ्रांस के रॉमबुइये शहर में एक अनोखी तकनीक पर काम हो रहा है. यहां बिजली की जगह ग्लूवॉर्म या डीप सी फिश में मिलने वाला बैक्टरीरिया का इस्तेमाल रोशनी करने के लिए किया जा रहा है. दरअसल, इन बैक्टीरिया में एक लूसीफेरिन नाम का केमिकल होता है. यह ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही फोटॉन्स यानी प्रकाश उत्पन्न करता है. आसान शब्दों में कहें तो ऑक्सीजन के मिलते ही यह केमिकल रोशनी पैदा कर देता है.
लोग को पसंद आ रहा है नज़ारा
डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोग इस प्रयोग की काफी सराहना कर रहे हैं. एक महिला का कहना है कि स्ट्रीट लाइट या फुटपाथ पर रोशनी के लिए इनका इस्तेमाल करना वाकई काफी अच्छा प्रयास है. अगर वैज्ञानिक ऐसा कर पाए, तो ये अच्छी बात होगी. हालांकि, अभी इससे थोड़ी कम रोशनी मिलती है, लेकिन अगर इसे शहर में इस्तेमाल करेंगे तो काफी अच्छी रोशनी होगी.
आंखों को भी तकलीफ नहीं देती रोशनी
विशेषज्ञों का कहना है कि, भले ही बिजली वाले लैंप ज्यादा तेज रोशनी करते हैं, लेकिन उनसे आंखें चौंधिया जाती हैं. बैक्टीरिया वाले ये लैंप आंखों को बिल्कुल भी तंग नहीं करेंगे और रोशनी के लिए बिजली की जरूरत भी नहीं होगी. इसे ग्लोई नामक कंपनी तैयार कर रही है. कंपनी का कहना है कि वो इस तकनीक को बड़े पैमाने पर ले जाना चाहते हैं.
कई समुद्री जीव में है क्षमता
प्राकृतिक नज़रिए से देखें तो जुगनू अपने साथी को आकर्षित करने के लिए प्रकाश बिखेरते हैं. इसके अलावा कई फंगस और मछलियां भी चमक बिखेरती हैं. वहीं, शैवाल से तब चमक निकलती है, जब उसके आसपास के पानी में कुछ गड़बड़ी होती है. डीप सी एंगलरफिश भी उस समय बैक्टीरिया को अपने सिर पर ले आती हैं, जब उन्हें लगता कि कोई उनपर हमला करने वाला है. वैज्ञानिकों ने इसी चीज का फायदा उठाकर ये प्रयास किया है.
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