भारत एक ऐसा देश है जहां आपको ऐसे ऐसे लोग मिलेंगे जिनके बारे में आप जानकर हैरान रह जाएंगे. यहां जो व्यक्ति दिखने में छोटा या गरीब होता है वो दिल से उतना ही अमीर होता है. अगर आप दिल्ली की चांदनी चौक गए होंगे तो वहां आपने छोटी छोटी दुकाने देखी होंगी. उन दुकानों को देखने के बाद आपको लगेगा कि ये महिने में कितना ही कमा लेते होंगे.


लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनके एक दिन की कमाई उतनी होती है जितना एक बढ़िया सॉफ्टवेयर इंजीनियर महीने में कमाता है. इसी तरह जो लोग आपको भारत में सड़कों पर कबाड़ बीनते या फिर ठेला लेकर कबाड़ी वाले कबाड़ी वाले चिल्लाते दिखेंगे, वो दिन का इतना कमाते हैं कि आप सोच भी नहीं सकते. आज हम आपको एक ऐसे ही कबाड़ी की कहानी बताएंगे जो अंबानी और अडानी तो छोड़िए महादानी टाटा से भी ज्यादा दान करता है.


कौन है ये कबाड़ी?


हम जिस कबाड़ी की बात कर रहे हैं उनका नाम है फकीर चंद. फकीर चंद हरियाणा के कैथल के अर्जुन नगर के रहने वाले हैं. उनकी उम्र अब लगभग 54 साल है. मीडिया को बताते हुए फकीर चंद कहते हैं कि उनके पांच भाई बहन थे, लेकिन अब वो अकेले बचे हैं. शादी और बच्चों की बात पर वो कहते हैं कि उनके पांचो भाई बहनों में किसी की शादी नहीं हुई थी. उनका कहना है कि कबाड़ी का काम वो पिछले 25 साल से ज्यादा समय से कर रहे हैं.


कितना करते हैं दान?


अब तक आपने सुना होगा कि भारत के बड़े व्यापारी रतन टाटा अपनी कमाई का 60 फीसदी हिस्सा दान कर देते हैं. वहीं अंबानी और अडानी भी अपनी कमाई का कुछ हिस्सा हर साल दान करते हैं. लेकिन पेशे से कबाड़ी और नाम से फकीर चंद अपनी कमाई का 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते हैं. स्कूप हूप की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अब तक 35 लाख से ज्यादा का दान किया है. वहीं नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फकीर चंद दान करने के साथ साथ गरीब लड़कियों की शादी भी करवाते हैं. उन्होंने अब तक पांच से ज्यादा लड़कियों की शादी करवाई है.


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