देश में इस शहर के लोग करते हैं सबसे ज्यादा सुसाइड, ये रहा खौफनाक आंकड़ा
आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में देश में 1,71,000 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. इस साल प्रति एक लाख लोगों पर 12.4 की आत्महत्या दर दर्ज की गई थी, जो देश में अब तक दर्ज की गई सबसे अधिक आत्महत्या दर है।
इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर और पूर्व रेडियो जॉकी सिमरन ने आत्महत्या कर ली. गुरुग्राम के सेक्टर 47 स्थित एक फ्लैट से उनके शव को बरामद किया गया. सिमरन मूल रूप से जम्मू की रहने वाली थीं. इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोवर्स थे. आरजे सिमरन का इस तरह सुसाइड करना नया मामला नहीं है. इससे पहले भी कई फिल्मी हस्तियों ने भी आत्महत्या कर अपने फैंस को गहरा सदमा दिया है. सुसाइड के बढ़ते मामलों ने विशेषज्ञों और सरकार को चिंता में डाल दिया है.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में देश में 1,71,000 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. इस साल प्रति एक लाख लोगों पर 12.4 की आत्महत्या दर दर्ज की गई थी, जो देश में अब तक दर्ज की गई सबसे अधिक है। चिंता की बात यह कि सुसाइड के सबसे ज्यादा मामले युवाओं में दर्ज किए गए हैं. आइए जानते हैं देश के किस शहर में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं?
हर साल बढ़ रहे सुसाइड केस
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों को देखें तो देश में हर साल आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. 2022 में 1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की थी, जो 2021 की तुलना में 4.2% ज्यादा है. वहीं 2018 से यह आंकड़ा 27% ज्यादा है. एनसीआरबी का कहना है कि 1967 के बाद सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले 2022 में दर्ज किए गए थे.
इस शहर में सबसे ज्यादा युवा दे रहे जान
सरकार की रिपोर्ट्स बताती है कि युवाओं के बीच सुसाइट के केस ज्यादा देखे गए हैं. वे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं, जिसके बाद वे आत्महत्या कर लेते हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा मामले देश की राजधानी दिल्ली से सामने आए थे. यहां 2022 में 2760 लोगों ने आत्महत्या की थी. इसके बाद चेन्नई का नाम आता है, यहां 2699 लोगों ने सुसाइड किया था. वहीं बेंगलुरू सुसाइड केस के मामले में तीसरे स्थान पर है, जहां 2292 लोगों ने आत्महत्या की.
पारिवारिक समस्याएं बन रहीं सुसाइड का कारण
आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने सरकार के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. ज्यादातर युवाओं के मामलों में ऐसे केस बढ़ गए गए हैं. सरकार व मनोचिकित्सकों का कहना है कि युवा तनावग्रस्त होने के बाद खुद का जीवन खत्म कर रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, कुल आत्महत्याओं में 32.4 फीसदी लोगों ने पारिवारिक समस्याओं के चलते आत्महत्या की थी, तो वहीं 17.1 फीसदी लोगों की आत्महत्या का कारण लंबी व लाइलाज बीमारियां थी.