बिहार के हाजीपुर में रविवार रात हुए सड़क हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई है. दरअसल, एक तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक के चालक ने कई लोगों को रौंद दिया था, जिसके बाद कई लोगों की मौत हो गई. भारत में हर रोज इस तरह की सड़क दुर्घटनाओं में कई लोग मारे जाते हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हो जाते हैं. भारत सड़क दुर्घटना के मामले में काफी आगे है और दुनिया में टॉप के देशों में भारत का नाम शामिल है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि रोड़ एक्सीडेंट के मामले में भारत की क्या हालत है और भारत के लिए सड़क दुर्घटना किस तरह से अहम समस्या बन गई है. 


भारत में हर साल कितने होते हैं एक्सीडेंट?


बता दें कि भारत में हर साल 5 लाख एक्सीडेंट होते हैं, जिनका आंकड़ा सरकार के पास है. अगर विश्व स्तर पर बात करें तो दुनियाभर के 11 फीसदी एक्सीडेंट भारत में ही होते हैं और इस लिस्ट में भारत पहले स्थान पर है. वहीं, संख्या के हिसाब से देखें तो भारत में साल 2017 में 464910, 2018 में 467044, 2019 में 449002 और 2020 में 366138 एक्सीडेंट हुए थे. वहीं, राज्य के हिसाब से सबसे ज्यादा तमिलनाडु में 2020 में 45,484 एक्सीडेंट हुए थे. इसके बाद मध्य प्रदेश में 45266, कर्नाटक में 34,178, उत्तर प्रदेश में 34,243 एक्सीडेंट के मामले सामने आए थे. आपको बता दें कि सड़क पर होने वाले 70 फीसदी दुर्घटना के कारण तेज स्पीड होती है. 


कितने लोगों की हुई मौत?


सड़क दुर्घटना में हुई मौत के आंकड़ें देखें तो हर साल होने वाले 5 लाख एक्सीडेंट में डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है और करीब 3 लाख लोग घायल हो जाते हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2020 में 131714, 2019 में 151113, 2018 में 151417, 2017 में 147913 लोगों की मौत हो गई थी. राज्यों के हिसाब से उत्तर प्रदेश में साल 2020 में 19149 लोगों की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. वहीं, 2020 में ही महाराष्ट्र में 11569, तमिलनाडु में 8059, मध्य प्रदेश में 11141 और कर्नाटक में 9760 लोगों की मौत हो गई थी. 


किस समय होते हैं सबसे ज्यादा एक्सीडेंट?


समय के हिसाब से सुबह 6 से शाम 6 बजे तक 60 फीसदी एक्सीडेंट होते हैं, जबकि 10% एक्सीडेंट रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक होते हैं. यानी ये कहना गलत है कि रात में काफी ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं. साल 2021 में कुल एक्सीडेंट 403116 में से 43852 एक्सीडेंट रात में हुए हैं. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, शाम में 6 बजे से लेकर 9 बजे तक के टाइम स्लॉट में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं. 


यह भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं ट्रेन के पंखे सिर्फ ट्रेन में ही चल सकते हैं, घर पर नहीं! ये होता है इसका कारण