स्टील की बनी ये घड़ी 29 करोड़ में नीलाम हुई, 85 साल पुरानी ये वॉच बेहद खास है
हम जिस घड़ी की बात कर रहे हैं वो रोलेक्स की है. हालांकि, इसे बनाने में कोई सोने या हीरे का इस्तेमाल नहीं हुआ है. बल्कि इसे एक खास तरह के स्टेनलेस स्टील से बनाया गया है.
स्मार्टफोन के इस दौर में भले ही घड़ी की अहमियत खत्म हो गई हो, लेकिन एक जमाना था जब इंसानों के लिए कलाई पर बंधी घड़ी बड़े काम की थी. हालांकि, आज भी लोग घड़ियां पहनते हैं. कुछ लोग घड़ी उसके स्मार्ट फीचर की वजह से पहनते हैं तो कुछ लोग महंगी घड़ी पहनकर समाज में अपना स्टेटस ऊंचा करते हैं. यही वजह है कि बाजार में आज भी कुछ घड़ियां करोड़ों में बिकती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही घड़ी के बारे में बताने वाले हैं, जो बनी तो स्टील से है लेकिन उसकी कीमत 29 करोड़ रुपये है.
कौन सी घड़ी है?
हम जिस घड़ी की बात कर रहे हैं वो रोलेक्स की है. हालांकि, इसे बनाने में कोई सोने या हीरे का इस्तेमाल नहीं हुआ है. बल्कि इसे एक खास तरह के स्टेनलेस स्टील से बनाया गया है. इसके साथ ही इसमें एक लेदर का पट्टा भी लगाया गया है. बताया जाता है कि इस घड़ी को खासतौर से हवाई जहाज उड़ाने वाले पायलटों के लिए बनाया गया था. इसे बनाने में एक खास तरह की इटैलियन ऑटोमोटिव तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया था. इस तकनीक की वजह से इस घड़ी में कई समय अंतरालों को मापने की क्षमता है.
कौन था इस घड़ी का मालिक?
रोलेक्स ने इस घड़ी को साल 1942 में बनाया था. यह उस दौर की बनाई गई एक बड़े आकार की स्प्लिट-सेकंड क्रोनोग्रफ घड़ी थी. नीलामी से पहले तक इस घड़ी के मालिक ऑरो मोंटानारी थे, जिन्हें लोग जॉन गोल्डबर्गर के नाम से भी जानते हैं. ऑरो दुनिया के कुछ सबसे बड़े घड़ी संग्राहकों यानी कलेक्टर्स में से एक थे. ऑरो की इस घड़ी को नीलाम करने का जिम्मा मोनाको की मोनाको लीजेंड नीलामी कंपनी ने उठाया है. 20 अप्रैल को नीलाम की गई इस घड़ी की आखिरी बोली 35 लाख डॉलर थी. भारतीय रुपयों में ये करीब 29 करोड़ रुपये होते हैं.
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