महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बैग को यवतमाल के वनी एयरपोर्ट पर चेक किए जाने को लेकर काफी बवाल हुआ. इसके बाद उद्धव नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार के बैग की भी तलाशी ली है. उद्धव ठाकरे ने कर्मचारियों से सवाल करते हुए वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया. उद्धव ने कहा, 'मेरे बैग की जांच करने में कोई समस्या नहीं है लेकिन क्या पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बैग की जांच की गई’. इस घटना के बाद बवाल मचा हुआ है.
वहीं इस घटना ने एक बार फिर VIP लोगों के लिए विशेष सुविधाओं और आम लोगों के लिए समान सुरक्षा प्रक्रियाओं के बीच के अंतर को उजागर किया है. इस बीच चलिए जानते हैं कि किसी एयरपोर्ट पर VIP एंट्री कैसे होती है.
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क्या होती है एयरपोर्ट पर VIP की एंट्री की प्रोसेस?
VIP लोगों के लिए अलग से एंट्री गेट होते हैं जहां उनकी सुरक्षा जांच की जाती है. जहां VIP लोगों को अपनी पहचान पत्र दिखानी होती है. साथ ही VIP लोगों के लिए विशेष लाउंज होते हैं जहां वे यात्रा के दौरान आराम कर सकते हैं. बता दें एयरपोर्ट पर वीआईपी के लिए खास प्रोटोकॉल बनाए जाते हैं. यह प्रोटोकॉल यह सुनिश्चित करता है कि वीआईपी व्यक्ति अपनी यात्रा के दौरान सुविधाजनक तरीके से यात्रा कर सकें. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वीआईपी को सुरक्षा जांच से बाहर रखा जाता है. सुरक्षा जांच के दौरान वीआईपी व्यक्तियों को आमतौर पर खास प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उनका समय बच सके, लेकिन यह प्राथमिकता केवल समय की बचत करने के लिए होती है, न कि सुरक्षा से समझौता करने के लिए.
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इसके अलावा एयरपोर्ट पर वीआईपी व्यक्तियों के लिए विशेष लाउंज बनाए जाते हैं, जहाँ उन्हें आम यात्रियों की तुलना में बेहतर सुविधाएं मिलती हैं. इन लाउंज में बैठने की खास व्यवस्था, खाने-पीने की सुविधाएं और अन्य प्राइवेट सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. हालांकि, वीआईपी व्यक्ति को ये सुविधाएं लेने के बावजूद, सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है. वीआईपी व्यक्तियों को आमतौर पर व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSD) की सेवा मिलती है. यह अधिकारी एयरपोर्ट पर उनके साथ रहते हैं और उनके सुरक्षा के प्रबंध करते हैं. वीआईपी व्यक्ति को सिर्फ कुछ छूट मिल सकती है जिससे उनका समय बच सके, लेकिन फिर भी उन्हें सुरक्षा जांच से गुजरना ही पड़ता है.
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