सर्दी के मौसम में अगर आप शराब पीने वालों से बात करेंगे तो वो आपको रम पीने की सलाह देंगे. वहीं गर्मी में यही लोग रम से दूर रहने की सलाह देते हैं. दरअसल, कुछ लोगों का मानना होता है कि रम की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे गर्मी में पीना नुकसानदेह हो सकता है. जबकि, सर्दी में इसे पीने से शरीर नें गर्माहट बढ़ती है. लेकिन इस बात में सच्चाई कितनी है, ये कौन बताएगा. चलिए आज आपको बताते हैं कि रम को कब पीना चाहिए कब नहीं पीना चाहिए.


पहले समझिए रम बनती कैसे है?


रम को बनाने के लिए मोलेसेज का प्रयोग किया जाता है. ये चीज तब मिलती है जब गन्ने के रस से चीनी बनाया जाता है. चीनी बनाने की प्रक्रिया के दौरान ही मोलेसेज नाम का ये गहरे रंग का बाई प्रोडक्ट निकलता है. इसे बाद में फर्मेंट किया जाता है और फिर इसी से रम तैयार की जाती है.


वाइट रम और डार्क रम


दरअसल, रम बनाने की प्रक्रिया एक जैसी होती है चाहे वो वाइट हो या डार्क. अब सवाल उठता है कि अगर प्रक्रिया एक जैसी होती है तो फिर दोनों के रंग में अंतर क्यों होता है? दरअसल, रंग में ये अंतर मोलेसेज की वजह से होता है. डार्क रम बनाते वक्त तैयार रम में मोलेसेज को अलग से मिलाया जाता है. वहीं वाइट रम के साथ ऐसा नहीं किया जाता. इसीलिए वाइट रम पारदर्शी होती है.


क्या गर्मी में नहीं पी सकते?


ऐसा बिल्कुल नहीं है. ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि रम आप गर्मी में नहीं पी सकते. आपको जानकर हैरानी होगी कि वो देश जहां का वातावरण ज्यादातर गर्म होता है जैसे- वेस्ट इंडीज, क्यूबा, जमैका वहां रम खूब पी जाती है. आपको बता दें, पहली बार रम वेस्ट इंडीज में ही तैयार की गई थी. इस पूरी कहानी का सार ये है कि अगर आप शराब पीते हैं तो बेझिझक हो कर गर्मी में रम पी सकते हैं. हालांकि, शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और इसके ज्यादा सेवन से आपको कैंसर हो सकता है.


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