राजधानी दिल्ली समेत पूरे देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी से बचने के लिए लोग हर उपाय करने को तैयार है. अधिकांश लोग घरों में एसी लगवा रहे हैं, जिससे उनके कमरे का तापमान कम बना रहे. लेकिन सवाल ये है कि कमरे में हर वक्त एसी चलाना कितना नुकसानदायक है. किसी भी इंसान के लिए कमरे का कितना तापमान होना सही है? आज हम आपको बताएंगे कि सोने के लिए कमरे का कितना तापमान होना ठीक है. 


घरों में एसी


गर्मी बढ़ने के साथ ही लोगों ने घरों में एसी लगवाना शुरू कर दिया है. गर्मी इतनी पड़ रही है कि कुछ लोगों के घरों में तो हर वक्त एसी चल रहा है. लेकिन सवाल ये है कि किसी भी कमरे का तापमान इंसानी शरीर के लिए कितना होना ठीक है. हालांकि ये सच है कि अच्‍छी नींद के लिए कमरे का तापमान बाहर के तापमान से कम होना जरूरी होता है. 


एक्सपर्ट के मुताबिक सुकून भरी गहरी नींद के लिए कमरे का तामान 18.3 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. इसे अपनी सुविधा के मुताबिक आप कुछ कम या कुछ ज्‍यादा रख सकते हैं. कमरे का तापमान 15.6 से लेकर 19.4 डिग्री सेल्सियस तक रखना गहरी नींद के लिए सबसे अच्‍छा है. इससे आपके शरीर को आरामदायक अनुभव मिलेगा. दरअसल हमारे शरीर को शाम के बाद सामान्‍य तापमान में गिरावट की आदत होती है. 


बच्‍चों के लिए कितना तापमान 


एक्सपर्ट के मुताबिक छोटे बच्‍चों को ठंड का अहसास ज्‍यादा होता है. इस वजह से हमेशा गर्मियों में उनके कमरे का तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस ज्‍यादा रखना चाहिए. बच्चों के कमरे का तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस रखा जाएगा, तो उन्‍हें सुकून की नींद आएगी और जागने पर वे बेहतर महसूस करेंगे. दरअसल बच्चों का शरीर छोटा होता है और वो विकास के दौर में होता है. वहीं अगर बच्‍चों के कमरे का तापमान बहुत ज्‍यादा गर्म होगा तो उन्हें सडेन इंफेंट डेथ सिंड्रोम का जोखिम बढ़ जाता है. 


शरीर का तापमान?


बता दें कि सोते समय शरीर का तापमान लगातार कम होता जाता है. ये अपने सबसे निचले स्‍तर पर अलसुबह पहुंच जाता है. इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ना शुरू होता है. जानकारी के मुताबिक शरीर गहरी नींद के लिए खुद को ठंडा करता जाता है. वहीं जागने के लिए अपना तापमान बढ़ाना शुरू कर देता है. हालांकि गर्म कमरा किसी भी व्यक्ति के लिए बेचैनी का कारण बन सकता है. तापमान ज्यादा रहने से डिहाइड्रेशन की शिकायत हो सकती है. 


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