105 कमरों वाला वो होटल जहां नहीं ठहरता कोई...! वजह काफी दिलचस्प है
इस होटल को बनाने में कुल करीब 55 अरब रुपये खर्च हुए थे. इस होटल को दुनिया का सबसे ऊंचा होटल बनाया जा रहा था, लेकिन इसकी पहचान कुछ और ही बन गई.
Building 105: अपने अजीबोगरीब कानूनों और मिसाइलों के परीक्षणों की वजह से उत्तर कोरिया की पूरी दुनिया में चर्चा होती रहती है. लेकिन इसके साथ ही यहां कई राज आम लोगों से छुपा कर भी रखे जाते हैं. यहां कई ऐसी चीजें हैं जो लोगों को हैरान करती हैं. यहां ऐसा ही एक पिरामिड के आकार की गगनचुंबी इमारत में बना होटल है. ये होटल अपने आप में रहस्यमयी है. वैसे तो यह होटल बहुत बड़ा है, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि आज तक यहां कोई ठहरा नहीं है. आइए जानते हैं इस रहस्यमयी होटल के बारे में...
वैसे तो इस रहस्यमयी होटल का आधिकारिक नाम रयुगयोंग है, लेकिन इसे यू-क्यूंग नाम से भी जाना जाता है. उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयोंग में बने इस 330 मीटर ऊंचे होटल में कुल 105 कमरे हैं. लेकिन यहां आज तक कोई भी व्यक्ति ठहरा नहीं है. इसे 'शापित होटल' या 'भुतहा होटल' कहा जाता है. इसके अलावा, इसे इस '105 बिल्डिंग' नाम से भी जाना जाता है. कुछ सालों पहले अमेरिकी मैगजीन ईस्क्वाइयर ने इस होटल को मानव इतिहास की सबसे खराब इमारत कहा था.
मिली कुछ और ही पहचान
इस होटल को बनाने में कुल करीब 55 अरब रुपये खर्च हुए थे, जो उस समय उत्तर कोरिया की जीडीपी का दो फीसदी था. इस होटल को दुनिया का सबसे ऊंचा होटल बनाया जा रहा था, लेकिन इसकी पहचान दुनिया धरती की सबसे ऊंची वीरान इमारत के रूप में बनी. इसलिए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. बताया जाता है कि अगर यह तय समय पर पूरी तरह से बन गया होता तो दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची इमारत और सबसे ऊंचे होटल के तौर पर जाना जाता.
नहीं हुआ था निर्माण कार्य पूरा
इसको बनाने का काम साल 1987 में शुरू हुआ था. बीबीसी के अनुसार, उम्मीद के अनुसार इस होटल का निर्माण 2 साल में पूरा हो जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कभी इसे बनाने के तरीके में दिक्कत हुई तो कभी सामग्री के साथ. आखिरकार साल 1992 में इसका निर्माण बंद करना पड़ा, क्योंकि उस समय उत्तर कोरिया की आर्थिक भी ठीक नहीं थी.
अभी तक भी अधूरा है काम
हालांकि, साल 2008 में इसको बनाने का काम फिर से शुरू किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर कोरिया के प्रशासन ने कहा था कि होटल 2012 में तैयार हो जाएगा, लेकिन इस बार भी यह नहीं हो पाया. इसके बाद आलम यह है कि यह होटल आज तक खुल नहीं पाया है. कहते हैं कि इसका काम अभी भी आधा-अधूरा ही है.
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