देश में आए दिन ट्रेन हादसे होते रहते हैं, ऐसे में ट्रेन में सफर करने वालों के मन में ये सवाल जरूर रहता है कि आखिर ट्रेन की वो कौन सी बोगी होती है जिसे हम सबसे सुरक्षित मान सकते हैं. भारतीय रेलवे की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं है.


लेकिन जब आप ट्रेन में कोच का स्थान देखेंगे तो बड़ी आसानी से समझ जाएंगे कि ट्रेन की कौन सी कोच सबसे ज्यादा सेफ यानि सुरक्षित होती है. वहीं कुछ एक्सपर्ट कोच के अंदर सबसे सुरक्षित सीट को लेकर भी अपनी राय रखते हैं. चलिए आज आपको इस आर्टिकल में सब कुछ विस्तार से बताते हैं.


ट्रेन में किस तरह से होते हैं कोच


भारत में चलने वाली ज्यादातर ट्रेनों में आगे से सबसे पहला यात्री कोच ए1 होता है. इसके बाद बी1, बी2, बी3 और फिर बी4 का नंबर आता है. इनमें से ज्यादातर एसी3 के कोच होते हैं. वहीं जिन ट्रेनों में पैंट्री कार होती है, बी4 के बाद पैंट्री कार वाली कोच का नंबर आता है. इसके बाद फिर एस1, एस2, एस3 का नंबर आता है. ये स्लीपर क्लास के कोच होते हैं. इसके बाद जनरल कोच के डिब्बे लगे होते हैं.


ट्रेन में सबसे सुरक्षित कोच कौन सा है


आपको लग रहा होगा कि भारतीय ट्रेनों में सबसे सुरक्षित कोच तो एस1 वाला ही होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. एक्सपर्ट मानते हैं कि ट्रेन में सबसे सुरक्षित कोच बीच का होता है. ऊपर बताए गए सिक्वेंस के हिसाब से देखें तो भारतीय ट्रेनों में सबसे सुरक्षित कोच बी4 माना जाएगा. एक्सपर्ट मानते हैं कि किनारे के कोच पर एक्सीडेंट के दौरान सबसे ज्यादा खतरा होता है. हालांकि, कई ट्रेनों में ये सिक्वेंस बदली हुई होती है. लेकिन टिकट बुक करते समय जब आप ट्रेन चुनें तो उसमें देख लें कि बीच का कोच कौन सा है और फिस उसी में अपनी टिकट बुक करें.


ट्रेन में सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है


सबसे सुरक्षित कोच के बाद आते हैं ट्रेन की सबसे सुरक्षित सीट पर. एनबीसी न्यूज पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, Federal Railway Safety Act in 1970 के ऑथर लैरी मान कहते हैं कि ट्रेन के किसी भी कोच में सबसे ज्यादा सुरक्षित सीट बीच की होती है. यानी अगर एक कोच में 72 सीटें हैं तो सबसे सुरक्षित सीट 32 से 35 के बीच मानी जाएगी. अब जब आपको ये बात पता चल गई है तो आगे से जब भी अपने लिए या अपनों के लिए ट्रेन में सीट बुक करें तो इन दोनों बातों का ख्याल जरूर रखें.


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