दक्षिण कोरिया में 29 दिसंबर को बड़ा प्लेन हादसा हुआ था. मुआन एयरपोर्ट पर जेजू एयरलाइंस की फ्लाइट क्रैश हुई थी. इस विमान में 181 लोग सवार थे, जिसमें 179 की मौत हो गई और सिर्फ 2 लोग जिंदा बचे थे. ये दोनों फ्लाइट अटेंडेट हैं, जो प्लेन के सबसे पिछले हिस्से में क्रू के लिए निर्धारित सीटों पर बैठे थे. प्लेन क्रैश होने के बाद दोनों को इमरजेंसी एग्जिट से रेस्क्यू किया गया था.
इससे पहले अजरबैजान एयरलाइंस का एक प्लेन कजाकिस्तान में क्रैश हुआ था. इसमें सवार 67 लोगों में से 38 की मौत हो गई थी. जिंदा बचे 29 लोग प्लेन के पिछले हिस्से में बैठे थे. अब सवाल यह उठता है कि क्या किसी भी विमान की पीछे की सीटें सबसे सेफ होती हैं? अगर हां, तो पीछे बैठे यात्रियों का हादसे के वक्त बचने का कितना चांस होता है?
हवाई जहाज की सबसे सुरक्षित सीट?
सवाल है कि हवाई जहाज में यात्रा करते समय सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है? इस मामले में कई रिसर्च सामने आई हैं, जिसमें कई विमान हादसों की केस स्टडी की गई है. इनसे पता चलता है कि विमान के आगे के हिस्से में बैठे यात्रियों से पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों की बचने की संभावना 40 प्रतिशत ज्यादा होती है. कुछ अन्य रिसर्च में कहा गया है कि विमान के सबसे आगे बैठे यात्रियों की बचने की संभावना 49% ही होती है. इसके बाद बीच में बैठे यात्री सुरक्षित होते हैं, वहीं सबसे ज्यादा सुरक्षित पीछे बैठे यात्री होते हैं.
ट्रेन में सबसे सेफ सीट कौन सी?
ऊपर तो हो गई हवाई जहाज की बात. अब बात ट्रेन की. दरअसल, साल 2024 को बड़े ट्रेन हादसों के लिए भी याद किया जाएगा. इस साल कई रेल दुर्घटनाएं हुई. ऐसे में सवाल उठता है कि ट्रेन में सबसे सुरक्षित सीट कौन सी होती है? रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी भी ट्रेन के बीच की बोगियां सबसे सुरक्षित मानी जाती हैं. इसके पीछे तर्क यह है कि ज्यादातर ट्रेन हादसे दूसरी ट्रेनों की टक्कर की वजह से होते हैं. ट्रेन की टक्कर आगे या पीछे से होती है, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं बोगियों को पहुंचता है. वहीं जब ट्रेन पटरी से उतरती है तब भी यही बोगियां पटरी से उतरती हैं. बीच वाली बोगियां सुरक्षित रहती हैं.
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