हवाई जहाज क्रैश होने के कई मामले बीते दिनों हमें सुनाई दिए. लेकिन, हादसों की वजह से लोग प्लेन से आना जाना कम नहीं कर देते. हालांकि, आप ये जरूर कर सकते हैं कि जब भी प्लेन में अपने लिए सीट बुक करें या अपने किसी परिजन के लिए सीट बुक करें तो सबसे सुरक्षित सीट को सलेक्ट करें. चलिए इस आर्टकिल में आपको बताते हैं कि हवाई जहाज में सबसे ज्यादा सुरक्षित सीट कौन सी है.
क्या कहता है रिसर्च
aviationdisasterlaw की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पॉपुलर मकैनिक्स ने इस सवाल का जवाब पाने के लिए साल 1971 से 2005 तक हुए प्लेन क्रैश का अध्ययन किया. इस अध्ययन में पता चला कि प्लेन की सबसे सुरक्षित सीट पीछे की होती है. ये रिपोर्ट दावा करती है कि अगर आप पीछे की सीट पर बैठे हैं तो प्लेन हादसे में आपके बचने के चांस अन्य सीट पर बैठे यात्रियों के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा होगी. इसीलिए भविष्य में जब आप अपने लिए या अपने किसी परिजन के लिए प्लेन में कोई सीट बुक करें तो ध्यान दें कि वो पीछे की ही सीट हो.
प्लेन बने किस चीज से होते हैं
हवा में उड़ रहा प्लेन लोहे या प्लास्टिक का नहीं बल्कि एल्युमिनियम का बना होता है. हालांकि, आज कल प्लेन बनाने वाली कंपनियां प्लेन बनाने के लिए फाइबरग्लास, कार्बन फाइबर और टाइटेनियम जैसे धातुओं का भी इस्तेमाल कर रही हैं. लेकिन पुराने समय में कंपनियां प्लेन बनाने के लिए सिर्फ एल्युमिनियम का ही इस्तेमाल करती थीं. ऐसा इसलिए क्योंकि, एल्युमिनियम में कभी जंग नहीं लगता.
यही वजह है कि प्लेन में पारा ले जाना सख्त मना है. अगर आप प्लेन में पारा लेकर गए तो आपको सजा हो सकती है. दरअसल, पारा एल्युमिनियम के साथ क्रिया कर के उसे खोखला कर देता है. सोचिए अगर पारे की एक बूंद एल्युमिनियम प्लेन के सर्फेस पर पड़ी तो हवाई जहाज में छेद हो जाएगा और इस वजह से कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.
प्लेन कितने साल में रिटायर हो जाता है
aviationdisasterlaw की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर प्लेन 30 से 35 साल में रिटायर कर दिए जाते हैं. हालांकि, कुछ एयर क्राफ्ट ऐसे भी अभी हवा में उड़ रहे हैं जो इससे भी ज्यादा पुराने हैं. कई बार प्लेन की कंडीशन और उसकी तकनीक पर भी ये निर्भर करता है कि कोई प्लेन कब तक हवा में उड़ने के काबिल है.
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