कार, बस या फिर ट्रेन...किसी भी तरह के वाहन में सबसे सुरक्षित ये सीट मानी जाती है
अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो दो चीजों का ध्यान रखें. पहली ये कि आप अपनी सीट ट्रेन के बीच वाली बोगी में बुक करें. दूसरी ये कि बीच वाली बोगी में भी आप सीट बीच वाली बुक करें.
यात्रा के दौरान ये सवाल सब के मन में होता है कि जिस वाहन में वो बैठे हैं, उसमें सबसे सुरक्षित सीट कौन सी है. चलिए आज आपको बताते हैं कि कार, ट्रेन, बस और प्लेन में सबसे सुरक्षित सीट कौन सी होती है. इसके साथ ही आपको ये भी बताएंगे कि अगर कभी यात्रा के दौरान कोई हादसा हो जाए तो सबसे पहले आपको क्या करना चाहिए.
कार में सबसे सुरक्षित सीट
अगर आप किसी 7 सिटर कार से सफर कर रहे हैं. तो आपको आगे या एक दम पीछे की सीट पर नहीं बल्कि बीच की सीट पर बैठना चाहिए. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कार में बीच की सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित होती है. अगर आप छोटी कार में हैं, तब भी बीच वाली सीट पर बैठें. यही वजह है कि लोग बुजुर्गों और बच्चों को बीच वाली सीट पर बिठाते हैं.
बस की सबसे सुरक्षित सीट
वहीं अगर आप बस में सफर कर रहे हैं तो कोशिश करें की 30 से 35 नंबर वाली सीट लें. यानी वो सीट जो बीच वाले टायरों के ऊपर होती है. ये सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है. अगर आप बस में इस सीट पर हैं, तो हादसे के समय आपके घायल होने के चांस अन्य यात्रियों के मुकाबले कम हो जाती है.
ट्रेन की सबसे सुरक्षित सीट
वहीं अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो दो चीजों का ध्यान रखें. पहली ये कि आप अपनी सीट ट्रेन के बीच वाली बोगी में बुक करें. दूसरी ये कि बीच वाली बोगी में भी आप सीट बीच वाली बुक करें. यहां बीच वाली सीट से मतलब मिडिल बर्थ नहीं है. बीच वाली सीट मतलब 33 से 35 नंबर वाली सीट. दरअसल, एक एसी3 कोच में 72 सीटें होती हैं.
प्लेन में कौन सी सीट सुरक्षित
प्लेन के साथ मसला अलग. एक तरफ जहां कार, बस और ट्रेन में सबसे ज्यादा सुरक्षित सीट बीच वाली सीट को माना जाता है. वहीं प्लेन में सबसे ज्यादा सुरक्षित सीट पीछे वाली सीट को माना जाता है. एक्सपर्ट की मानें तो प्लेन में पीछे की ओर बैठे यात्री अन्य सीटों पर बैठे यात्रियों के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा सुरक्षित होते हैं. इसके पीछे कई लॉजिक दिए जाते हैं. जैसे हादसे के बाद पीछे वाली सीट से बाहर निकलने में आसानी होती है. प्लेन के पीछे वाला हिस्सा इंजन से दूर होता है, इसलिए भी हादसे के वक्त सबसे कम क्षतिग्रस्त वही हिस्सा होता है.
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