एक्सप्लोरर

केसर की खेती कौन-कौन कर कर सकता है, इसका पौधा कैसा होता है और ये कैसे बनता है

Saffron Farming: भारत में केसर की खेती कश्मीर के पंपोर इलाके में ज्यादा होती है. इसके बाद बडगाम और श्रीनगर में भी केसर की खेती होती है. समय की बात करें तो इसकी खेती अगस्त के महीने में होती है.

Saffron Farming Process: केसर शब्द सुनते ही आपके दिमाग में जो सबसे पहले आता है, वो है इसकी कीमत. केसर लाखों रुपए किलो बिकता है. कई लोग तो इसकी तुलना सोने से भी करते हैं. करें भी क्यों ना, आखिरकार इसे भी तो सोने की तरह ग्राम और तोले में बेचा जाता है. लेकिन, इन सब के बीच जो सबसे बड़ा सवाल है वो ये है कि आखिरकार इसकी कीमत इतनी ज्यादा होती क्यों है. और अगर यह इतना ही महंगा बिकता है तो फिर गेंहू, धान और आम खेती करने वाला किसान इसके फसल को उगा कर खूब सारे पैसे क्यों नहीं कमाता. आज हम आपके इन्हीं सवालों का जवाब लेकर आए हैं. 

कब और कैसे होती है केसर की खेती

भारत में केसर की खेती कश्मीर के पंपोर इलाके में ज्यादा होती है. इसके बाद बडगाम और श्रीनगर में भी केसर की खेती होती है. जबकि, केसर की खेती करने के समय की बात करें तो इसकी खेती अगस्त के महीने में होती है. वहीं पौधों में फूल लगना अक्टूबर के अंतिम हफ्ते या फिर नवंबर में शुरू हो जाते हैं. कश्मीर के खास इलाकों में केसर इसलिए होती है, क्योंकि इन इलाकों में एक खास तरह की लाल मिट्टी पाई जाती है, जो केसर के लिए सबसे सही है. सबसे बड़ी बात की यहां का मौसम भी इसके अनुकूल होता है.

फूल से कैसे तैयार होता है केसर

केसर को पौधों में जब फूल निकल आते हैं, तो इन फूलों को तोड़ लिया जाता है और फिर इन फूलों को अंदर पतले-पतले धागे जैसे पुंकेसर होते हैं, उसे चुना जाता है और सुखाया जाता है. केसर के फूल हल्के बैंगनी रंग के होते हैं और इनके अंदर पुंकेसर लाल या फिर केसरी रंग का होता है. कहते हैं कि 160 केसर के फूलों से जब पुंकेसर निकाला जाता है तब जा कर कहीं वह एक ग्राम बनता है.

हालांकि, इसमें एक फायदा है कि केसर के बीज बार-बार नहीं रोपने पड़ते. एक बार आपने बीज रोप दिए तो फिर 15 सालों तक इसमें फूल लगते रहते हैं और फिर 15 साल बाद इसके बीजो को जब किसान जमीन के अंदर से निकालता है तो इसमें कई और बीज लगे होते हैं. बिल्कुल लहसुन की तरह. आपको शायद पता होगा कि हम लहलुन की एक कली जमीन में बोते हैं और फिर वह पूरी एक लहसुन की पूती तैयार होकर निकलती है, जिसमें कई लहसुन की कलियां होती हैं.

केसर की खेती कौन कर सकता है

कानूनी रूप से देखा जाए तो केसर की खेती भारत के किसी भी हिस्से में रहने वाला किसान कर सकता है. लेकिन, प्रैक्टिकली देखा जाए तो यह मुमकिन नहीं है. क्योंकि इसकी खेती भारत के कुछ खास जगहों पर ही होती है. सबसे बड़ी बात की इसकी खेती के लिए जो वातावरण और मिट्टी चाहिए वो कश्मीर के कुछ हिस्सों को छोड़ कर भारत में कहीं नहीं मिलती है.

इसलिए चाह कर भी भारत का अन्य किसान इसकी खेती नहीं कर सकता. सोने जैसी इसके कीमत की बात करें तो, आपको बता दें, इसकी पैदावार बेहद कम है और डिमांड बहुत ज्यादा है, यही वजह कि केसर इतना कीमती है.

ये भी पढ़ें: Foil Paper: क्या आप भी ले जाते हैं रोटी में फॉइल पेपर लपेट के, तो फिर बीमार कर सकने वाली ये रिसर्च जरूर पढ़ लें

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Railway Station Stampede: एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

USA में Health Aid को लेकर क्यों हो रही है Problems? | Health LiveNew Delhi Railway Station Stampede: स्टेशन पर भगदड़ का कसूरवार कौन? कैसे मची भगदड़? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: फेल क्राउड मैनेजमेंट...प्लेटफॉर्म बदलने का अनाउंसमेंट? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: पिछले हादसों से क्यों सबक नहीं लेता रेल मंत्रालय? | Breaking | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Railway Station Stampede: एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
क्या शहरों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ? जान लें काम की बात
क्या शहरों में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ? जान लें काम की बात
IPL 2025 DC Schedule: 25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
महाशिवरात्रि पर क्यों करते हैं पंचक्रोशी परिक्रमा? श्रीराम ने की थी शुरूआत
कोरोना जैसी महामारी का खतरा बढ़ा रहीं ये आठ बीमारियां, जानें इनके बारे में हर एक बात
कोरोना जैसी महामारी का खतरा बढ़ा रहीं ये आठ बीमारियां, जानें इनके बारे में हर एक बात
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.