Saudi Arabia Lithium Reserves: सऊदी अरब को दुनिया बड़े-बड़े तेल के भंडारों और प्राकृतिक गैस के लिए जानती है, लेकिन इस देश के हाथ जैकपॉट लग गया है. वह दिन दूर नहीं जब सऊदी अरब एक और ऊर्जा के स्रोत के लिए जाना जाएगा. दरअसल, सऊदी अरब के समुद्री इलाके में लिथियम का भंडार पाया गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब की सरकारी स्वामित्व वाली पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी अरामको ने एक तेल क्षेत्र के पायलट प्रोजेक्ट के तहत लिथियम निकालना शुरू कर दिया है। 


सऊदी अरब के खनन मामलों के डिप्टी मिनिस्टर खालिद बिन सालेह अल-मुदैफर ने घोषणा की है कि राज्य जल्द ही लिथियम की प्रत्यक्ष खनन को बढ़ावा देने के लिए कॉमर्शियल पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी को दी गई है. बता दें, सऊदी अरब इलेक्ट्रॉनिक कारों का हब बनना चाहता है, ऐसे में यह देश हर साल इस क्षेत्र में अरबों रुपये खर्च कर रहा है, इस बीच लिथियम का भंडार मिलना सऊदी अरब के लिए बड़ी खबर है. 


कीमतें बढ़ीं तो मालामाल हो जाएगा सऊदी अरब


सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था बहुत हद तक उसके तेल और प्राकृतिक गैस के भंडारों पर निर्भर करती है. अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए देश ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की तरफ भी ध्यान दे रहा है. समुद्री इलाके से लिथियम निकालने की पारंपरिक विधि से काफी अधिक लागत आ रही है, हालांकि, अगर दुनियाभर में लिथियम की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका फायदा सऊदी अरब को मिल सकता है. सऊदी अरब के मंत्री का कहना है कि लिथियम निकालने की नई तकनीक इजाद की गई है, और आगे भी यह प्रोजेक्ट जारी रहेगा. 


क्यों जरूरी है लिथियम?


लिथियम को भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का अहम स्रोत माना जाता है. दरअसल, जीवाश्म ईंधन के स्रोत तेजी से घट रहे हैं, ऐसे में वैज्ञानिक तेजी से वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों की तरफ ध्यान दे रहे हैं. इसमें लिथियम की डिमांड सबसे हाई है. लिथियम को सफेद सोना या आधुनिक तेल भी कहा जाता है. इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक कारों की बैटरी बनाने में हो रहा है. अपनी उपयोगिता के कारण दुनिया भर में इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. दुनिया भर में ऊर्जा के नंबर एक स्रोत के रूप में तेल और अन्य पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की जगह ले सकता है। 


क्या है लिथियम की कीमत


दुनियाभर में लिथियम की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्लोबल मार्केट में एक टन लिथियम की कीमत करीब 57.36 लाख रुपये है. विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, 2050 तक लिथियम की वैश्विक मांग में 500 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी, इस लिहाज से सऊदी अबर में लिथियम का भंडार मिलता, उसकी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा संकेत है. 


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