सऊदी अरब हर साल तेल और गैस बेचकर कितना पैसा कमा लेता है?
वेनेजुएला तेल भंडार में पूरे दुनिया में पहले नंबर पर है. वेनेजुएला के पास लगभग 304 मिलियन बैरल से ज़्यादा तेल है. इसके बाद सऊदी दूसरे नंबर पर है. इसके पास करीब 298 बिलियन बैरल से ज़्यादा तेल है.
Saudi Arabia: सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में तेल और गैस का बहुत बड़ा योगदान है. यह देश, दुनिया में तेल के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से एक है और इसकी अर्थव्यवस्था में तेल और गैस की बिक्री से बहुत बड़ा राजस्व आता है. हालांकि, सऊदी अरब की सरकार ने हाल के वर्षों में अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और तेल पर निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. हालांकि, इसके बाद भी सऊदी अरब तेल से इतना पैसा कमाता है कि आप सोच भी नहीं सकते. चलिए आज आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
बैरल के हिसाब से बिकता है तेल
तेल आमतौर पर बैरल के हिसाब से बेचा जाता है. एक बैरल में लगभग 159 लीटर तेल होता है. तेल की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में प्रति बैरल के हिसाब से तय होती है. उदाहरण के लिए, ब्रेंट क्रूड और WTI क्रूड की कीमत अक्सर प्रति बैरल के रूप में दी जाती हैं. यह मापन का मानक है और इससे तेल की कीमतों को समझना और तुलना करना आसान हो जाता है.
तेल से हर साल अरबों डालर की कमाई करता है सऊदी अरब
सऊदी अरब तेल और गैस के निर्यात से हर साल अरबों डॉलर की कमाई करता है. साल 2023 में, सऊदी अरब ने तेल और गैस निर्यात से लगभग 326 बिलियन डॉलर की कमाई की. यह देश की कुल आय का एक बड़ा हिस्सा है. इसे आप सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार मान सकते हैं. सऊदी अरब की तेल कंपनी, अरामको, दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनियों में से एक है और इसका उत्पादन और निर्यात वैश्विक बाजारों पर बहुत प्रभाव डालता है.
कहां-कहां मिलता है सबसे ज्यादा तेल
वेनेजुएला तेल भंडार में पूरे दुनिया में पहले नंबर पर है. रिपोर्ट के अनुसार वेनेजुएला के पास लगभग 304 मिलियन बैरल से ज़्यादा तेल है. इसके बाद सऊदी दूसरे नंबर पर है. इसके पास करीब 298 बिलियन बैरल से ज़्यादा तेल है. इस लिस्ट में कनाडा तीसरे नंबर पर है कनाडा के पास लगभग 170 मिलियन बैरल से ज़्यादा तेल है. वहीं ईरान चौथे नंबर पर है. यहां लगभग 157.8 बिलियन बैरल से ज़्यादा तेल है.
इंटरनेशनल मार्केट में कैसे बिकता है तेल
इंटरनेशनल मार्केट में तेल की खरीद-बिक्री कई कारकों पर निर्भर करती है. तेल की कीमतें, आपूर्ति और मांग के संतुलन पर निर्भर करती हैं. जब मांग अधिक होती है और आपूर्ति कम होती है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं. तेल की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में तय होती है, जैसे कि न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (NYMEX) और इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (ICE), तेल की बिक्री अक्सर वायदा अनुबंधों के माध्यम से होती है, जिसमें खरीदार और विक्रेता भविष्य की तारीख पर एक निश्चित कीमत पर तेल खरीदने या बेचने के लिए सहमत होते हैं. तेल की ट्रेडिंग अलग-अलग प्लेटफार्मों पर होती है और इसमें बड़े निवेशक, हेज फंड और अन्य वित्तीय संस्थान शामिल होते हैं. अनुबंध की समाप्ति पर, तेल की वास्तविक डिलीवरी होती है, जो पाइपलाइनों, टैंकरों और अन्य माध्यमों से की जाती है.
सऊदी अरब का सबसे बड़ा ग्राहक कौन है
सऊदी अरब का सबसे बड़ा तेल ग्राहक चीन है. चीन सऊदी अरब के कुल तेल निर्यात का 20% से अधिक हिस्सा खरीदता है. यह व्यापार दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को दर्शाता है. चीन की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सऊदी अरब एक महत्वपूर्ण स्रोत है. इसके अलावा, सऊदी अरब के अन्य प्रमुख ग्राहक जापान, भारत और दक्षिण कोरिया भी हैं. इन देशों के साथ सऊदी अरब के व्यापारिक संबंध भी काफी बेहतर हैं, लेकिन चीन सबसे बड़ा और प्रमुख ग्राहक है.
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