Schemes For Women: कल यानी 12 दिसंबर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओं के लिए महिला सम्मान योजना शुरू करने का ऐलान कर दिया है. इस योजना के तहत दिल्ली के महिलाओं का हर महीने का 1000 रुपये दिए जाएंगे. इस राशि को चुनाव के बाद बढ़ाकर 2100 रुपये करने का भी वादा किया गया है. सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि भारत के अलग-अलग राज्यों की राज्य सरकारें भी महिलाओं के लिए ऐसी ही आर्थिक लाभ की योजनाएं चला रही है.
जिसमें महाराष्ट्र की माझी लड़की बहिन योजना, मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना, उड़ीसा की सुभद्रा योजना, तो कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना. इन सभी योजनाओं में महिलाओं को एक तय आर्थिक राशि दी जाती है. इन योजनाओं को लेके लोगों के मन में यह सवाल भी आता है आखिर सरकारों के पास इसके लिए पैसे कहां से आते हैं. चलिए आपको बताते हैं इस बारे में.
अलग से तय किया जाता है बजट
कोई भी राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार ऐसे ही किसी योजना को शुरू करने का ऐलान नहीं कर देती. इसके लिए बाकायदा पहले से ही पूरी तैयारी की जाती है. अलग से फंड निर्धारित किया जाता है. तब जाकर किसी योजना को शुरू किया जाता है. जैसे हाल ही में दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए महिला सम्मान योजना को शुरू करने का ऐलान किया है.
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इस योजना के बारे में दिल्ली सरकार ने साल के बजट सत्र में ही ऐलान किया था. यानी पहले से ही सरकार ने इसके लिए अलग से एक राशि आवंटित कर रखी थी. इसके अलावा राज्य सरकारों को केंद्र सरकार की ओर से भी फंड दिया जाता है. सरकार उसे फंड का इस्तेमाल भी प्रदेश के नागरिकों के हित के लिए इस्तेमाल करती है. जिसमें अलग-अलग हितकारी योजनाएं भी शामिल हैं.
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टैक्स से प्राप्त राजस्व का होता है इस्तेमाल
राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार हो दोनों के राजस्व का मुख्य सोर्स टैक्स वसूली है. इसके लिए सरकार नागरिकों से और व्यवसायों से टैक्स वसूलती है. जिसमें जीएसटी जैसा टैक्स भी शामिल है और भी अन्य करों से राजस्व में बढ़ोतरी होती है. करों से हासिल राजस्व का इस्तेमाल सरकार जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं को संचालित करने में करती है.
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